AIMIM Alliance MVA Maharashtra Election 2024: क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस AIMIM के साथ गठबंधन नहीं करना चाहती? यह सवाल इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि महाराष्ट्र में AIMIM के प्रमुख इम्तियाज जलील ने कहा है कि वह गठबंधन को लेकर दो महीने पहले ही कांग्रेस को प्रस्ताव भेज चुके हैं लेकिन उसकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है जबकि कांग्रेस ने ऐसे किसी प्रस्ताव के मिलने से पूरी तरह इनकार किया है। AIMIM की ओर से ऐसा ही एक प्रस्ताव एनसीपी (शरदचंद्र पवार) को भी भेजा गया है।
AIMIM के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील का कहना है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अगर महा विकास अघाड़ी (MVA) वोटों का बंटवारा होने से रोकना चाहता है तो उसे गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरना चाहिए। जलील का कहना है कि कांग्रेस और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) को भेजे गए प्रस्ताव के तहत चुनाव में 28 मुस्लिम बहुल सीटों की मांग की गई है क्योंकि हम इन सीटों पर अच्छी टक्कर दे सकते हैं।
महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े (कुल सीटें- 288)
राजनीतिक दल | मिली सीटें |
बीजेपी | 105 |
कांग्रेस | 44 |
एनसीपी (अविभाजित) | 54 |
शिवसेना (अविभाजित) | 56 |
निर्दलीय | 13 |
महाराष्ट्र के चुनाव में सीधी टक्कर महायुति (बीजेपी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना, उपमुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी) और MVA (कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना) के बीच है। इसके अलावा एआईएमआईएम, वंचित बहुजन अघाड़ी भी चुनाव मैदान में हैं।
महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं। राज्य में एक ही चरण में 20 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को मतों की गिनती के साथ चुनाव नतीजे आएंगे।
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही बीजेपी दबाव में है जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाला MVA या INDIA गठबंधन राज्य में सरकार बनाने के दावे कर रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव के नतीजों से MVA को नई ऊर्जा मिली है। MVA ने 2019 के मुकाबले ज्यादा सीटें जीती हैं। अगर MVA के साथ AIMIM का गठबंधन नहीं होता है तो MVA को कुछ सीटों पर विधानसभा के चुनाव में नुकसान हो सकता है।
महाराष्ट्र में 48 में से 30 सीटें जीता महा विकास अघाड़ी
राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
बीजेपी | 9 | 23 |
कांग्रेस | 13 | 1 |
एनसीपी | 1 | 4 |
एनसीपी (शरद चंद्र पवार) | 8 | – |
शिवसेना (यूबीटी) | 9 | – |
शिवसेना | 7 | 18 |
इम्तियाज जलील ने कहा है कि अगर MVA के साथ गठबंधन नहीं होता है तो भी AIMIM मराठवाड़ा इलाके में चुनाव जरूर लड़ेगी। AIMIM के नेता पांच सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर अड़े हुए हैं। इन सीटों में- मालेगांव सेंट्रल, धुले, छत्रपति संभाजीनगर, सोलापुर और वर्सोवा शामिल हैं और इसके लिए पार्टी ने उम्मीदवारों के नाम भी तय कर लिए हैं। इम्तियाज जलील का कहना है कि अगर MVA के साथ गठबंधन हो भी जाता है तो भी उनकी पार्टी इन पांच सीटों पर अपना दावा नहीं छोड़ेगी। जलील ने कहा कि उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद है कि बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को हराने के लिए कांग्रेस AIMIM का साथ देगी।
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यहां यह भी जानना जरूरी होगा कि महाराष्ट्र में पिछले कुछ विधानसभा चुनाव में AIMIM का प्रदर्शन कैसा रहा है। AIMIM ने 2014 से महाराष्ट्र में अपनी सक्रियता बढ़ाने की कोशिश की और कुछ सीटों पर वह मजबूती से चुनाव लड़ी है।
दो सीटें जीती, कई पर बिगाड़ा चुनावी समीकरण
2014 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 24 सीटों पर चुनाव लड़ा था और दो सीटें- औरंगाबाद सेंट्रल और भायखला जीती थीं लेकिन महाराष्ट्र में कहा जाता है कि AIMIM ने तब कम से कम नौ अन्य सीटों पर कांग्रेस और एनसीपी (अविभाजित) को कड़ी टक्कर दी थी।
2019 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 44 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन उसे सिर्फ दो सीटों- मालेगांव सेंट्रल और धुले सिटी पर जीत मिली लेकिन उसने कांग्रेस और एनसीपी को लगभग 12 विधानसभा सीटों पर नुकसान पहुंचाया। इन 12 सीटों में से चांदीवाली और नागपुर सेंट्रल पर शिवसेना (अविभाजित) और बीजेपी गठबंधन को क्रमशः 409 और 4,008 वोटों के मामूली अंतर से जीत मिली थी जबकि AIMIM के उम्मीदवारों को 1,167 और 8,565 वोट मिले थे।
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इम्तियाज जलील का कहना है कि AIMIM लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन करना चाहती थी लेकिन तब भी गठबंधन नहीं हुआ। जलील का कहना है कि अगर कांग्रेस और एनसीपी (सपा) एक ऐसी पार्टी के साथ हाथ मिला सकते हैं जो हाल ही में धर्मनिरपेक्ष बनी है, तो MVA AIMIM के साथ गठबंधन क्यों नहीं कर सकती?
महाराष्ट्र की मौजूदा विधानसभा में बीजेपी 103 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। उसके बाद शिवसेना 40, एनसीपी 41, कांग्रेस 40, शिवसेना (यूबीटी) 15, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) 13 और अन्य के पास 29 सीटें हैं। कुछ सीटें खाली हैं।
बीजेपी की बी टीम होने का आरोप
AIMIM को कांग्रेस और कई विपक्षी दल बीजेपी की बी टीम बताते हैं जबकि AIMIM के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी इससे पूरी तरह इनकार करते हैं। AIMIM ने हैदराबाद से बाहर निकलकर महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कई अन्य राज्यों में भी विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। हालांकि AIMIM महाराष्ट्र में कुछ सीटों पर MVA का खेल खराब करने की हैसियत जरूर रखती है।
कांग्रेस का आरोप है कि AIMIM मतदाताओं का ध्रुवीकरण करके बीजेपी की मदद करती है। जबकि ओवैसी ने बार-बार कहा है कि AIMIM केवल अपना राजनीतिक विस्तार कर रही है और वह सिर्फ “मुस्लिम पार्टी” नहीं है।
AIMIM अगर अकेले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उतरी तो मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो सकता है और इस बंटवारे का नुकसान MVA को और फायदा महायुति को होगा।