हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने में काफी वक्त लग रहा है। पार्टी के लिए अहीरवाल के इलाके में टिकट बांटना सबसे मुश्किल साबित हो रहा है क्योंकि यहां उसे केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह के समर्थकों का ख्याल रखना है।
अहीरवाल की राजनीति में विश्लेषकों की निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि बीजेपी कितनी सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह के समर्थकों को टिकट देगी?
लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद बीजेपी के लिए विधानसभा चुनाव की लड़ाई काफी मुश्किल मानी जा रही है और ऐसे में पार्टी को हरियाणा के अन्य व अहीरवाल के इलाके में बहुत सोच-समझकर ही टिकटों का बंटवारा करना होगा। हरियाणा में जीटी बेल्ट और सिरसा के इलाके में भी पार्टी के लिए टिकट बांटना आसान नहीं है।
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हुआ नुकसान
राजनीतिक दल | विधानसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | विधानसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट |
कांग्रेस | 15 | 1 | 31 | 0 | 5 |
बीजेपी | 47 | 7 | 40 | 10 | 5 |
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा, बीजेपी का घटा
राजनीतिक दल | लोकसभा चुनाव 2019 में मिले वोट (प्रतिशत में) | लोकसभा चुनाव 2024 में मिले वोट (प्रतिशत में) |
कांग्रेस | 28.51 | 43.67 |
बीजेपी | 58.21 | 46.11 |
अहीरवाल में आती हैं ये सीटें
अहीरवाल में गुरुग्राम, बादशाहपुर, सोहना, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, पटौदी, नारनौल, नांगल चौधरी, बावल, कोसली और अटेली विधानसभा सीटें आती हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से ही राव इंद्रजीत सिंह इस बात के लिए जोर लगा रहे हैं कि अहीरवाल में उनके ज्यादातर समर्थकों को विधानसभा चुनाव में टिकट मिले। हरियाणा बीजेपी की चुनाव समिति की बैठक में भले ही राव ने अपनी बेटी आरती राव सहित किसी भी समर्थक के लिए टिकट नहीं मांगा लेकिन अब हरियाणा की राजनीति से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि राव इंद्रजीत सिंह ने केंद्रीय नेतृत्व को एक सूची है।
इसमें उन्होंने अहीरवाल की सभी 11 सीटों पर अपने समर्थकों का नाम सुझाया है।

बेटी को लड़ाएंगे अटेली सीट से चुनाव
लोकसभा चुनाव के बाद से ही अहीरवाल में इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि राव इंद्रजीत सिंह इस बार अपनी बेटी को विधानसभा का चुनाव जरूर लड़ाएंगे। राव इंद्रजीत सिंह ने केंद्रीय नेतृत्व को जो सूची सौंपी है, उसके मुताबिक उन्होंने अटेली सहित सात विधानसभा सीटों पर टिकट मांगा है। अटेली सीट से राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा था कि उन्होंने 2014 और 2019 में रेवाड़ी सीट से अपनी बेटी आरती के लिए टिकट मांगा था लेकिन बीजेपी ने दोनों बार इनकार कर दिया था।
खबरों के मुताबिक, राव इंद्रजीत सिंह ने अहीरवाल की रेवाड़ी, कोसली, बावल, नारनौल, पटौदी और गुरुग्राम की सीटों पर अपने समर्थकों के लिए टिकट मांगा है। इसके अलावा उन्होंने सोहना, बादशाहपुर, नांगल चौधरी और महेंद्रगढ़ की सीटों पर अपने समर्थकों के नाम पार्टी नेतृत्व को दिए हैं।
राव इंद्रजीत सिंह ने मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री न बनाए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी।
अब बीजेपी नेतृत्व के सामने मुश्किल यह है कि अगर उसने राव के समर्थकों को टिकट नहीं दिया तो अहीरवाल के इलाके में पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। हरियाणा में राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक मांग करते रहे हैं कि उनके नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। लेकिन बीजेपी ने इस बार मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को ही चेहरा बनाया है।

अहीरवाल में राव के विरोधी भी हैं सक्रिय
अहीरवाल में अगर राव इंद्रजीत सिंह और उनके समर्थक मजबूत हैं तो उनके विरोधी खेमे में भी कई लोग शामिल हैं। बादशाहपुर से बीजेपी की टिकट मांग रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह को राव इंद्रजीत सिंह का विरोधी माना जाता है। राव नरबीर सिंह बादशाहपुर से चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं। बादशाहपुर से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पूर्व ओएसडी जवाहर यादव भी चुनाव लड़ना चाहते हैं और उन्हें उम्मीद है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की पैरवी की वजह से उन्हें टिकट मिल सकता है।
इसके अलावा अहीरवाल की नांगल चौधरी सीट से डॉ. अभय सिंह यादव फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें भी राव इंद्रजीत सिंह का विरोधी माना जाता है।
राव के विरोधी माने जाने वाले पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास अपने भतीजे मुकेश कापड़ीवास के लिए रेवाड़ी से, पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव अटेली से टिकट मांग रही हैं। अटेली से अगर बीजेपी ने आरती राव को टिकट दिया तो उसे मौजूदा विधायक सीताराम यादव का टिकट काटना होगा। निश्चित रूप से इससे पार्टी में बगावत हो सकती है।
बीजेपी नेतृत्व संसदीय बोर्ड की सदस्य सुधा यादव को भी अहीरवाल की किसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा सकता है। सुधा यादव को भी राव विरोधी खेमे का माना जाता है।

हरियाणा की राजनीति में राव का है बड़ा सियासी कद
राव इंद्रजीत सिंह छह बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। वह चार बार गुरुग्राम की सीट से और दो बार भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे हैं। 2014 से पहले वह कांग्रेस में थे और यूपीए की सरकार में विदेश और रक्षा राज्य मंत्री रहे थे।
राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा में चार बार विधायक और कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। राव के पिता राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री रहे थे।
बीजेपी की कोशिश रहेगी कि वह किसी भी तरह राव इंद्रजीत सिंह को नाराज न होने दे क्योंकि वह जानती है कि राव की नाराजगी का असर पार्टी के प्रदर्शन पर पड़ सकता है।
देखना होगा कि राव इंद्रजीत सिंह के कितने समर्थकों को बीजेपी विधानसभा चुनाव में टिकट देगी?