केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के मामले में अब पुलिस कार्रवाई शुरू हो चुकी है। योजना के खिलाफ सबसे उग्र विरोध प्रदर्शन बिहार में देखने को मिला था। उस दौरान आगजनी और लूटपाट की घटनाओं को भी अंजाम दिया गया था। पुलिस मुख्यालय की ओर से सोमवार को जारी बयान के मुताबिक सरकारी संपत्ति को नष्ट करने, आगजनी करने और तोड़-फोड़ के विरुद्ध पूरे राज्य में कुल 161 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।
इसके साथ ही बिहार पुलिस शुरूआती जांच में हिंसक प्रदर्शन के पीछे कोचिंग संस्थानों का हाथ बता रही है। पुलिस ऐसे कोचिंग संस्थानों और संचालकों के विरुद्ध जांच शुरू कर चुकी है। इस कड़ी में पटना के मशहूर कोचिंग टीचर गुरु रमहान के खिलाफ भी दबिश जारी है। 17 जून को दानापुर में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने गुरु रहमान के खिलाफ दंगा भड़काने का केस दर्ज किया है। सोमवार को पटना पुलिस ने रहमान के गोपाल मार्केट स्थित कोचिंग संस्थान पर छापेमारी की, लेकिन रहमान मौके पर नहीं मिलें।
कौन है गुरु रहमान ? : सारण जिले के बसंतपुर में पैदा हुए गुरु रहमान को शिक्षाविद बताया जा रहा है। फिलहाल पटना के गोपाल मार्केट में रहमान एम (AIM) नामक कोचिंग सेंटर चलाते हैं। दावा है कि इनके कोचिंग सेंटर से पिछले 22 साल में 40 कैंडिडेट का UPSC में सिलेक्शन हो चुका है। रहमान खुद भी UPSC Aspirant रच चुके हैं। दो बार यूपीएससी के इंटरव्यू तक पहुंचकर असफल होने वाले रहमान गरीब बच्चों को UPSC की तैयारी करवाने के लिए जाने जाते हैं। यही वजह है कि इनके कोचिंग में बिहार के अलावा झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड तक से आकर बच्चे पढ़ते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक रूप से कुछ बेहद कमजोर बच्चे 11 से 100 रुपये तक की फीस देकर तैयारी करते हैं।
रहमान के नाम उपलब्धियां : अग्निपथ योजना के खिलाफ बोलते हुए 17 जून गुरु रहमान ने कहा था, ”छात्र ट्रेन रोक सकते हैं क्योंकि उनकी जिंदगी रोकी जा रही है। ट्रेन रोकेंगे लेकिन जलाएंगे नहीं, पटरी उखाड़ेंगे नहीं। मैं इन छात्रों के साथ चलने को तैयार हूँ। इस बार की क्रांति संपूर्ण क्रांति से भी बड़ी होगी।”
गुरु रहमान आपातकाल के विरुद्ध 1975 में हुई जिस संपूर्ण क्रांति की बात कर रहे हैं, उस क्रांति से एक वर्ष पहले 10 जनवरी 1974 को इनका जन्म हुआ था। शुरुआती पढ़ाई सारण और डेहरी ऑन सोन से हुई। प्राचीन भारत एवं पुरातत्व विषय में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से ग्रेजुएशन किया। इसी विषय में मास्टर्स भी किया। रहमान की सबसे यूनिक उपलब्धि उनकी पीएचडी है। इन्होंने साल 1997 में ऋग्वेद कालीन आर्थिक एवं सामाजिक विश्लेषण पर अपनी पीएचडी लिखी है। कोचिंग सेंटर में पढ़ाने के साथ-साथ रहमान पटना विश्वविद्यालय में भी पढ़ा चुके हैं। यह प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय गुरु रहमान को बेस्ट टीचर से अवार्ड से नवाज चुका है।