मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी.राजा बुधवार 24 मई को सेवानिवृत हो गए। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दो बार जस्टिस राजा को राजस्थान उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की सिफारिश की लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश केंद्र सरकार के पास लंबे समय तक पड़ी रही। बुधवार को मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा आयोजित विदाई समारोह में जस्टिस टी. राजा ने कहा कि न्यायाधीशों के स्थानांतरण आदेशों पर सवाल उठाने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि यह भी नौकरी की शर्तों में से एक है।

क्या है ट्रांसफर का मामला?

कॉलेजियम ने 16 नवंबर, 2022 में ही जस्टिस टी. राजा को राजस्थान हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी। जस्टिस राजा ने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की।  24 नवंबर, 2022 को कॉलेजियम ने बता दिया कि वह अपने फैसले पर बरकरार रहेगी। इसके बाद मामला केंद्र के पास गया। केंद्र के पास सिफारिश पांच महीने तक पड़ी रही।

कॉलेजियम ने 9 अप्रैल, 2023 को जस्टिस राजा के ट्रांसफर की सिफारिश को फिर दोहराया और मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस एसवी गंगापुरवाला को नियुक्त करने की सिफारिश की।

लाइव लॉ के मुताबिक, कॉलेजियम ने अपने प्रस्ताव में कहा था, “कॉलेजियम प्रस्ताव देता है कि जस्टिस टी राजा का राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में जल्द से जल्द ट्रांसफर किया जाए। मद्रास मद्रास हाईकोर्ट के जज के रूप में भी उनका बने रहना जस्टिस एस वी गंगापुरवाला की मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्ति में बाधा नहीं बन सकता है।” हालांकि केंद्र सरकार के पास से कोई जवाब नहीं आया और जस्टिस टी.राजा एक्टिंग चीफ जस्टिस के रूप में ही रिटायर हो गए। वह 22 सितंबर, 2022 को जस्टिस एम दुरईस्वामी की सेवानिवृत्ति के बाद एक्टिंग चीफ जस्टिस बने थे।

क्यों नहीं हुआ ट्रांसफर?

द इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों के मुताबिक, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को इसलिए दरकिनार किया गया क्योंकि वह जल्द ही रिटायर होने वाले थे। उनकी ट्रांसफर फाइल की पेंडेंसी को भी एक फैक्टर माना जा रहा है।

बता दें, जस्टिस टी. राजा मद्रास हाईकोर्ट में बतौर जज 13 साल कार्यरत रहे और कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में आठ माह हाईकोर्ट को अपनी सेवा दी।

जस्टिस सबीना के साथ भी यही हुआ

19 अप्रैल, 2023 को जब जस्टिस सबीना हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की एक्टिंग (कार्यवाहक) चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हुईं, तब उनके प्रमोशन की सिफारिश केंद्र सरकार के पास पेंडिंग थी।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली कॉलेजियम ने जस्टिस सबीना को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की थी। कॉलेजियम की नजर में वह हाईकोर्ट की मोस्ट सीनियर जज थीं। लेकिन केंद्र ने उन्हें परमानेंट चीफ जस्टिस बनाने में कोई रुचि नहीं दिखाई।

कई और…

जस्टिस टी.राजा और जस्टिस सबीना ही नहीं, जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस अकील कुरैशी के साथ भी यही हुआ। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 28 सितंबर, 2022 को जस्टिस एस मुरलीधर को मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में ट्रांसफर की सिफारिश की थी। वह ओडिशा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। 6 महीने तक जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर की सिफारिश केंद्र सरकार के पास पड़ी रही। कोई फैसला नहीं आया। अंत में कॉलेजियम ने ही 19 अप्रैल को अपनी सिफारिश वापस ले ली।

कौन हैं जस्टिस टी. राजा?

जस्टिस टी. राजा का जन्म साल 1961 में हुआ था। उनकी पहली नियुक्ति 9 फरवरी, 2008 को मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै खंडपीठ में एडिशनल एडवोकेट जनरल के रूप में हुई थी। 31 मार्च, 2009 को उन्हें मद्रास हाईकोर्ट के एडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया था।

हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने से पहले जस्टिस राजा ने 10 साल तक ‘द तमिलनाडु डॉ. एम.जी.आर. मेडिकल यूनिवर्सिटी’ के लिए बतौर सरकारी वकील काम किया था।