ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन और गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड ने तमिलनाडु सरकार के उस कानून को मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसके जरिए ऑनलाइन गेमिंग को प्रतिबंधित किया गया था। मद्रास हाईकोर्ट में एक्टिंग चीफ जस्टिस टी. राजा और जस्टिस भरत चक्रवर्ती की बेंच ने मामले पर सुनवाई की। एक ऑनलाइन रमी कंपनी की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि तमिलनाडु सरकार का फैसला असंवैधानिक है। उन्होंने दलील दी कि रमी हुनर का खेल है।
सिंघवी बोले- रमी कौशल का खेल, बैन जायज नहीं
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोई भी खेल 100 फीसदी स्किल का खेल नहीं है। यहां तक कि ब्रिज के खेल में भी चांस की बात होती है कि आपको कौन सा कार्ड मिलता है। सिंघवी ने कहा कि रमी, कौशल का खेल है और राज्य सरकार इस तरह के खेल पर कानून बनाने में सक्षम नहीं है। सिंघवी की दलील पर एक्टिंग चीफ जस्टिस टी. राजा ने कहा कि ऐसी गेमिंग की लत के चक्कर में तमाम मौतें हुई हैं और कई परिवार बदहाल हो गए। फिर राज्य सरकार ने कानून बना दिया तो क्या बुराई है?
दिवाली पर तो हम भी खेलते हैं…
इसपर सिंघवी ने जवाब दिया कि हर बुराई के लिए रमी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। समाज में तो और भी बुराई हैं, मसलन- शराब और लॉटरी लेकिन कोई सरकार इसे बैन नहीं कर रही है। उन्होंने दलील दी कि पूर्वोत्तर भारत में तो दिवाली पार्टी में हम भी रमी जैसे खेल खेलते हैं। इस पर एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कहा लेकिन हम यहां रमी नहीं खेलते हैं, क्योंकि हमें इसके दुष्प्रभाव पता हैं।
जज ने दिया अपने गांव का उदाहरण
ACJ टी. राजा ने आगे कहा, ‘डॉ. सिंघवी, आपको जानकर ताज्जुब होगा, मेरा गांव मदुरै से बस 20 किलोमीटर दूर है। वहां न तो कोई स्मोकिंग करता है ना शराब पीता है। तंबाकू भी नहीं बिकता है।गांधी म्यूजियम ने हमारे गांव को मॉडल विलेज के तौर पर है एडॉप्ट किया है’। इस पर सिंघवी ने आगे कहा, ‘यहां हम डाटा की बात कर रहे हैं… शराब और लॉटरी के चलते स्वास्थ्य और समाज पर पड़ने वाले नुकसान से जुड़े तमाम डाटा हैं, लेकिन इनको तो बैन नहीं किया गया फिर रमी को क्यों किया जा रहा है’?
जज ने पूछा- ऑनलाइन गेम में पत्ते कौन फेंटता है?
इस पर जज ने कहा आप को समझना चाहिए की रमी को पूरी तरह बैन नहीं किया गया है बल्कि ऑनलाइन रमी बैन की गई है। दोनों के बीच बहुत फर्क है। आप घर में बैठकर रमी खेल रहे हैं और ऑनलाइन खेल रहे हैं, इसका अंतर समझें। ऑनलाइन क्या हो रहा है हमें नहीं पता।
इस पर बेंच के दूसरे जज जस्टिस भरत चक्रवर्ती ने सवाल किया ऑनलाइन रमी में कार्ड कौन फेंटता है? सिंघवी ने कहा कि एल्गोरिद्म से चलता है। ऑनलाइन गेम तो फिजिकल गेम के मुकाबले कहीं सुरक्षित और मजेदार है। उन्होंने दलील दी कि यदि आप रमी खेलने को स्वीकार रहे हैं तो ऑनलाइन गेम को कैसे बंद कर सकते हैं?
क्या है तमिलनाडु सरकार का कानून?
तमिलनाडु सरकार ने कुछ वक्त पहले ऑनलाइन गेम को प्रतिबंध करने वाला कानून बनाया। Tamil Nadu Prohibition of Online Gambling and Regulation of Online Games Bill के तहत राज्य में ऑनलाइन जुआ और गेम प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही ऑनलाइन गेम और गैंबलिंग को प्रमोट करने वाले विज्ञापनों पर भी रोक लगा दी गई है। इस अधिनियम में लक वाले दो खेल रमी और पोकर का जिक्र है। कानून में कड़ी सजा का भी प्रावधान है।
कानून तोड़ने पर क्या सजा?
इस कानून में कहा गया है कि यदि कोई शख्स ऑनलाइन जुआ या लक वाले किसी ऑनलाइन गेम में संलिप्त पाया गया तो 3 महीने की कैद या 5 हजार रुपये का जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है। इसके अलावा ऐसे लोग, जो लोगों को ऑनलाइन जुआ या गेम खेलने के लिए प्रोत्साहित करते मिलेंगे, उन्हें एक साल तक की कैद या 5 लाख का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती हैं। इसी तरह ऑनलाइन जुआ, पोकर या रमी में पैसा लगाने वाले या ऐसे गेम प्रोवाइड करने वाले लोगों को 3 साल की सजा और 10 लाख जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है।
तमिलनाडु सरकार क्यों लाई कानून?
तमिलनाडु में हाल के दिनों में ऑनलाइन जुआ और गेम में हारने के बाद तमाम लोगों ने मौत को गले लगा लिया। ऐसे तमाम मामले सामने आए, जिसमें तमाम परिवार कर्ज के दलदल में फंस गए। सरकार को लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही थीं। सरकार ने पूरे मामले की पड़ताल के लिए 4 सदस्यों वाली एक कमेटी भी बनाई थी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पिछले साल राज्य सरकार ऑनलाइन गेम को प्रतिबंधित करने के लिए एक अध्यादेश ले आई और बाद में इस कानून को पारित किया। राज्य के गवर्नर आरएन रवि ने हाल ही में कानून को मंजूरी दी थी।
ऑनलाइन गेम के चक्कर में कितनी मौतें?
ऑनलाइन गेमिंग के चलते सुसाइड का आधिकारिक आंकड़ा नहीं है, लेकिन डीएमके सांसद टीआर बालू ने मार्च 2023 में द प्रिंट को दिये एक इंटरव्यू में दावा किया कि पिछले 3 साल के दौरान 40 लोगों ने सुसाइड किया।