हाल ही में ब्राजील में पैदा हुए सैकड़ों बच्चों में शारीरिक दोष की वजह बताए जा रहे जीका वायरस के फैलने को लेकर सनसनीखेज दावा किया गया है। कुछ मेडिकल रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ताहिती के रहने वाले एक शख्स के सीमेन में जीका वायरस मिले। इसके अलावा यह भी दावा किया गया है कि शारीरिक संबंध बनाने की वजह से महिला के शरीर में अपने पति से जीका का वायरस पहुंच गया।
प्रोफेसर ब्रायन फॉय ने मेडिकल रिपोर्ट में दावा किया कि जीका का वायरस शारीरिक संबंधों की वजह से उनकी पत्नी के शरीर में पहुंचा। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलेरेडो के बायोलॉजिस्ट फॉय सेनेगल देश के दौरे में इस वायरस की चपेट में आए। घर लौटने के पांच दिन बाद प्रोफेसर बीमार हो गए। उनको थकान, पेशाब करने में दर्द, स्किन पर दाग और जलन जैसी समस्याएं हुईं। कुछ हफ्तों बाद उनकी पत्नी में भी ऐसे ही लक्षण उत्पन्न हो गए, लेकिन उनके चारों बच्चों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। बाद में जांच में पुष्टि हुई कि फॉय जीका वायरस से पीड़ित थे।
हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि शारीरिक संबंधों की वजह से जीका वायरस के फैलने की पुष्टि अभी भी नहीं हुई हैं। इस बात की पुष्टि भी नहीं हो पाई है कि मां के दूध से जीका वायरस बच्चे के शरीर में पहुंच सकता है। कई अन्य रिसर्चर भी फिलहाल यह मानने को तैयार नहीं हैं कि शारीरिक संबंधों या मां के दूध पिलाने से जीका का वायरस फैल सकता है।
चपेट में 21 देश
वायरस की चपेट में आए बच्चों के सिर नॉर्मल के मुकाबले छोटे और अविकसित दिमाग वाले होते हैं। यह वायरस पूरे कैरेबियन, लैटिन अमेरिका के अलावा अमेरिका के कुछ हिस्सों में फैल गया है। कुल 21 देश चपेट में बताए जा रहे हैं। शरीर पर लाल निशान, बुखार, सिरदर्द और आंखों में सूजन इससे प्रभावित होने के सामान्य लक्षण हैं। खतरे की अाशंका के मद्देनजर लोग यह जानने के लिए आतुर हैं कि आखिर वायरस का प्रसार कैसे होता है।
ऐसे फैलता है
वैज्ञानिक जांच में पता चला है कि इसे फैलाने में डेंगू, चिकुनगुनिया जैसे बीमारी फैलाने वाले मच्छर एडीज इजिप्टी ही जिम्मेदार हैं।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, जीका वायरस से प्रदूषित खून के शरीर में पहुंचने की वजह से बीमारी फैलती है। हालांकि, ऐसा ब्लड डोनेशन के जरिए होना मुमकिन नहीं है, क्योंकि ब्लड ट्रांसमिशन के लिए दुनिया भर में बेहद सेफ तरीके अपनाए जाते हैं।
वायरस से जुड़ी अन्य अहम बातें
जीका वायरस की पहली बार पहचान 1947 में हुई। बाद में ये कई बार छोटे पैमाने पर अफ्रीका और साउथ ईस्ट एशिया के कुछ हिस्सों में फैला। जीका वायरस के बारे में पहली बार ब्राजील में बीते साल मई में पता चला। बाद में अज्ञात कारणों से यह ब्राजील में तेजी से फैला। यहां करीब डेढ़ लाख लोग इस वायरस से प्रभावित हैं। अक्टूबर महीने तक जीका को लेकर कोई ज्यादा डर भी नहीं था। इससे प्रभावित होने वाले 100 में से 20 लोग ही बीमार पड़ते थे। बाद में इस तरह के सबूत मिले कि इस वायरस की वजह से पैदा होने वाले बच्चों में शारीरिक दोष और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हैं। अक्टूबर से लेकर अब तक ब्राजील में 3500 से ज्यादा छोटे सिर और अविकसित दिमाग वाले बच्चे पैदा हुए हैं। एल सेल्वाडोर, कोलंबिया और इक्वेडोर ने देश की महिलाओं से कहा कि वे 2018 तक गर्भवती होने से परहेज करें। अमेरिका ने भी अपनी महिलाओं को उन देशों में जाने से परहेज करने को कहा है, जहां ये वायरस तेजी से फैल रहा है। अमेरिका और दूसरे देश इस वायरस की वैक्सीन बनाने में जुट गए हैं।