Chinese President: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) ने पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की है। शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) मुख्यालय से दौरान सैनिकों को संबोधित किया और युद्ध की तैयारियां का जायजा भी लिया। यह जानकारी चीन की सरकारी मीडिया शुक्रवार (20 जनवरी, 2023) को दी।

चीन की सरकारी मीडिया के तरफ से जारी वीडियो में कहा गया कि शी जिनपिंग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सैनिकों से संवाद किया। जिनपिंग ने तैनात सैनिकों से कहा कि हाल के समय में इस क्षेत्र में लगातार बदलाव आ रहा है। इस बदलाव ने किस तरह आर्मी पर असर डाला है। शी जिनपिंग चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और पीएलए के कमांडर-इन-चीफ भी हैं।

चीनी राष्ट्रपति ने सैनिकों से पूछा- ताजी सब्जी मिल रही

आर्मी से बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति ने इस बात का भी जायजा लिया कि चीनी सैनिक युद्ध के लिए कितने तैयार हैं। सैनिकों में से एक ने कहा कि वे अब गतिशील होकर 24 घंटे सीमा की निगरानी कर रहे थे। शी ने उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ली। साथ ही पूछा कि ऐसी दुर्गम जगह पर उनको ताजी सब्जी मिल रही है।

आधिकारिक मीडिया ने बताया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सैनिकों से उनकी सीमा पर गश्त और प्रबंधन कार्य के बारे में में भी जानकारी ली। इसके साथ ही शी ने सैनिकों को सीमा रक्षा के मॉडल के रूप में सम्मानित किया और उन्हें अपने प्रयासों में बने रहने और नए योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।

5 मई, 2020 को पैंगोंग झील इलाके में हुई थी हिंसक झड़प

बता दें, पूर्वी लद्दाख वह क्षेत्र है जहां 5 मई, 2020 को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच गतिरोध शुरू हो गया था।
15 जून 2020 को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था। चीन की तरफ से किए गए अटैक में भारत के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद भारतीय सैनिकों की जवाबी कार्रवाई में चीन के 30 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे, लेकिन कुछ दिनों तक चीन ने अपने सैनिकों की मौत को स्वीकार नहीं किया था। बाद कुछ सैनिकों की मारे जाने की बात कबूल की थी।

समाधान के लिए 17 दौर की हो चुकी वार्ता

इसके बाद दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध पर 17 दौर की उच्च स्तरीय वार्ता की है, लेकिन शेष मुद्दों के समाधान में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई।