चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को पाकिस्तान को बेजिंग का ‘भरोसेमंद’ दोस्त बताया और उसकी क्षेत्रीय अखंडता की जोरदार वकालत करने के साथ ही उसकी डगमगाती अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए दूरगामी सहयोग योजनाओं का एलान किया।

अपनी दो दिन की पहली पाक यात्रा के अंतिम दिन संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए शी ने कहा कि दोनो देशों के रिश्ते परस्पर विश्वास और सहयोग पर आधारित हैं। शी ने अपनी यात्रा के दौरान अपने इस मित्र देश के साथ 51 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव शी ने कहा कि चीन और पाकिस्तान हमेशा मिल कर आगे बढ़ेंगे और चीन के लोग हमेशा पाकिस्तान के लोगों के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा-‘मेरी मौजूदा यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ममनून हुसैन, प्रधानमंत्री शरीफ, और मैं चीन-पाकिस्तान संबंधों को बढ़ा कर मजबूत सामरिक भागीदारी में तब्दील करने पर सहमत हुए।’

शी ने कि चीनी गणराज्य की स्थापना के समय से ही पाकिस्तान उसके सुख-दुख का साथी रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने उस वक्त भी चीन का साथ नहीं छोड़ा जब विश्व मंच पर वह अलग-थलग पड़ गया था। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे का बहुत आसरा है और जरूरत के वक्त दोनों एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। उन्होंने कहा कि चीन पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता का दृढ़ता से समर्थन करता है ।

शी ने कहा-‘इस साल मैं सबसे पहले पाकिस्तान की यात्रा पर आया हूं और आपके देश का यह मेरा पहला दौरा है। लेकिन पाकिस्तान फिर भी मेरे लिए बेगाना नहीं है।’ उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के समय दोनों देशों द्वारा एक दूसरे को दी जाने वाली इमदाद का भी जिक्र किया।
चीनी राष्ट्रपति ने आतंकवाद से निपटने के पाकिस्तान के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे खड़ा रहा है और इस दिशा में बड़ी कुर्बानियां दी हैं।

शी ने भारत सहित तीन क्षेत्रीय देशों की अपनी पिछले साल की यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चीन भारत, बांग्लादेश और म्यांमा के साथ एक अन्य क्षेत्रीय संपर्क योजना पर भी काम कर रहा है। उन्होंने अफगानिस्तान में सुलह सफाई और शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के लिए पाकिस्तान के साथ मिल कर काम करने का भी संकल्प लिया। शी कड़ी सुरक्षा में संसद पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक और सीनेट के अध्यक्ष मियां रजा रब्बानी ने उनका स्वागत किया।