World News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस के कजान दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से भी मुलाकात की थी। इस द्विपक्षीय बातचीत के बाद पीएम मोदी ने जर्मनी के चांसलर के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। इसमें कहा गया कि भारत जर्मनी ने भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए वीजा के कोटे को 20 हजार प्रति वर्ष से बढ़ाकर 90 हजार तक कर दिया है।
जर्मनी द्वारा भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए वीजा में राहत देने के चलते यकीनन भारत और जर्मनी के रिश्ते ज्यादा मजबूत होंगे लेकिन यह भी ध्यान देना होगा कि आखिर जर्मनी ने यह फैसला क्यों लिया है। इसकी अहम वजह जर्मनी में बूढ़ी होती आबादी और वर्कफोर्स की कमी बताई जा रही है।
तेजी से बढ़ रही जर्मनी में औसत उम्र
आंकड़ों के अनुसार 2014 में जर्मनी की लगभग 27% आबादी 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र की थी। वहीं अनुमान है कि यह संख्या 2030 तक 35% तक पहुंच सकती है, जो कि जर्मनी के विकास और जरूरतों के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण है। इसके चलते जर्मनी को भारतीय वर्कफोर्स की जरूरत पड़ी है।
भारत और जर्मनी दोनों के लिए फायदे का फैसला
वहीं नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने कहा कि भारतीय समाज में, श्रम बाजार को आगे बढ़ाने वाले बहुत से युवा कुशल लोग हैं। जर्मनी में हमें श्रमिकों की आवश्यकता है। यह भारत और जर्मनी के लोगों के लिए फायदे का फैसला है।
जर्मनी में हैं चीन से ज्यादा भारतीय छात्र
जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस यानी DAAD के अनुसार 2023-24 के शीतकालीन सेमेस्टर के दौरान भारत से 49,483 अंतर्राष्ट्रीय छात्र जर्मनी में पढ़ाई कर रहे थे। यह पिछले वर्ष की तुलना में 15% की वृद्धि दर्शाता है, जिससे भारतीय, चीन को पीछे छोड़ते हुए देश में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा ग्रुप बन गए हैं।
जर्मनी ने नियमों में किया है बदलाव
भारत और जर्मनी द्वारा 2022 में हस्ताक्षरित प्रवासन समझौते की चर्चा करते हुए बैरबॉक ने कहा कि उन्होंने जर्मनी आने वाले छात्रों और पेशेवरों की संख्या में 25% की वृद्धि दर्ज की है, तथा संभावना और भी अधिक है। जर्मन श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्री ह्यूबर्टस हील ने कहा कि उनके देश ने हाल ही में आप्रवासन के लिए कानूनी आवश्यकताओं का एक नया प्रोसेस बनाया है, जिसमें वीज़ा डिजिटलीकरण कार्यक्रम और नौकरी चाहने वालों और व्यवसायों को जोड़ना शामिल है।
इतना ही नहीं, जर्मनी ने वीजा एप्लिकेशन के लिए वेटिंग टाइम को भी घटा दिया है। नए नियमों के मुताबिक जो लोग लंबे समय तक जर्मनी में रहना और काम करना चाहते हैं, उन्हें आप्रवासन और अन्य लाभों के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
जर्मन भाषा सीखना है अहम
जर्मनी के मंत्री ने कहा कि जर्मनी में पढ़ाई या काम करने के इच्छुक लोगों के लिए जर्मन भाषा में दक्षता आवश्यक शर्तों में से एक है। उन्होंने कहा कि जर्मन अधिकारी जानते हैं कि भारतीय अमेरिका और ब्रिटेन जैसे अंग्रेजी बोलने वाले देशों को पसंद कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि भारतीयों के लिए विभिन्न प्रकार की नौकरियों में काम करने में सक्षम होने के लिए जर्मन सीखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में अधिक लोगों का जर्मन भाषा सीखना हमारे आर्थिक हित में बहुत महत्वपूर्ण है।
इजरायली चांसलर स्कोल्ज़ ने मोदी से कहा कि हमारा लक्ष्य आपके देश से जर्मनी के लिए और भी अधिक कुशल श्रमिकों को उत्साहित करना है। उन्होंने जर्मन बिजनेस 2024 के 18वें एशिया-पैसिफिक सम्मेलन के दौरान कहा कि पिछले साल ही जर्मनी में काम करने वाले भारतीयों की संख्या में 23,000 की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा है कि इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान में जर्मन विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा समूह भारतीय छात्रों का है, तथा उन्होंने जर्मन श्रम बाजार में उनके महत्व पर जोर दिया।