China on India Maldives Relation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के मालदीव दौरे पर गए थे और इस दो दिवसीय माले दौरे की वजह से बीजिंग परेशान नजर आ रहा है। पीएम मोदी मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुए थे। खास बात यह रही कि मालदीव में मोहम्मद मोइज्जू के सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी पहले बड़े नेता हैं, जो कि वहां किसी बड़े कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। मालदीव और भारत के बीच रिश्तों में पिछले दिनों काफी ठंडापन देखने को मिला था, जबकि अब मोइज्जू खुलकर पीएम मोदी की तारीफ के कसीदे पढ़ रहे हैं।
दिल्ली और माले के बीच इस गर्मजोशी की वजह से किसी को सबसे ज्यादा परेशानी है, तो वो केवल चीनी को… इसका संकेत चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने रिपोर्ट किया कि भारतीय मीडिया ने पीएम मोदी के इस दौरे को मालदीव में पकड़ कम होने के रूप में दिखाया जा रहा है। इसके लिए ग्लोबल टाइम्स ने भारत को फर्स्ट रिस्पॉन्डर और सबसे भरोसेमंद साझेदार बताने वाली रिपोर्ट्स का जिक्र किया है।
क्या बोल रहे चीनी एक्सपर्ट्स?
चीन के एक्सपर्ट्स पीएम मोदी को मालदीव में मिली अहमियत और सम्मान से मिर्ची लग रही है। ग्लोबल टाइ्स की रिपोर्ट में Tsinghua University के नेशनल स्ट्रैटजी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर कियान फेंग के हवाले से कहा गया कि भारतीय मीडिया का नजरिया पुरानी आउटडेटेड माइंडसेट को दर्शाता है, जो कि जीरो-सम गेम मानसिकता पर आधारित है।
इतना ही नहीं, ग्लोबल टाइम्स के लेख में चीनी एक्सपर्ट ने मालदीव के हितों की वकालत की है और स्वघोषित रूप से कहा है कि वह मालदीव चीन से भी करीबी रिश्ता बनाए रखना चाहते है। वहीं उनका कहना यह भी है कि मालदीव चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशेटिव में भी शामिल है, वह दोनों देशों के साथ संतुलित विदेश नीति अपनाने की कोशिश कर रहा है।
चीन याद कर रहा पुराने बयान
ध्यान देने वाली बात यह है कि जब भारत और मालदीव के रिश्ते बेहतर हो रहे हैं और पीएम मोदी की तारीप में लगातारा मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू पॉजिटिव बयान दे रहे हैं तो चीन उनके पुराने बयानों को याद कर रहा है। ग्लोबल टाइम्स ने पुराने बयानों का जिक्र किया और कहा कि जनवरी में चीन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मोइज्जू ने कहा था कि मालदीव हमेशा चीन का सबसे करीबी साथी बना रहना चाहता है। उन्होंने यह भी कहा कि मालदीव दुनिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने में चीन की भूमिका की सराहना करता है।
दूसरी ओर जिस तरह से लगातार भारत के मालदीव के साथ रिश्ते बढ़ते जा रहे हैं, उससे चीन को समस्या तो हो रही है, जिसे ग्लोबल टाइम्स का ही लेटेल्ट आर्टिकल साबित भी कर रहा है, क्योंकि एक वक्त था जब मोइज्जू चीन के समर्थक थे और उन्होंने अपने चुनावी कैंपेन के दौरान इंडिया आउट का नारा दिया, लेकिन अब ये स्थिति पलट चुकी है।
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