विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगाह किया कि जिका विषाणु ‘भयानक तरीके से’ अमेरिकी देशों में फैल रहा है और 40 लाख तक लोगों को संक्रमित कर सकता है। संगठन ने साथ ही भारत सहित उन सभी देशों को एक चेतावनी जारी की जहां ऐडीज मच्छरों के वाहक पाए जाते हैं जो डेंगू और चिकनगुनिया को भी जन्म देते हैं। ऐडीज ऐगिपटाए मच्छर जिका विषाणु को जन्म देते हैं जो डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाता है। दोनों ही बीमारियां भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देशों के लिए बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हैं। जिका का प्रकोप पिछले साल ब्राजील से शुरू हुआ और 24 अमेरिकी देशों में फैल चुका है।
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जिका जन्म दोष और माइक्रोसेफली जैसी मस्तिष्क संबंधी विकारों के लिए जिम्मेदार है। माइक्रोसेफली के कारण बच्चे असामान्य रूप से छोटे सिर के साथ पैदा होते हैं। इसी बीच डब्ल्यूएचओ प्रमुख मार्गरेट चान ने आज कहा कि जन्म दोष में तेजी से बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार कहा जा रहा ‘जिका’ वायरस भयावह ढंग से फैल रहा है। मार्गरेट ने कहा, ‘जिका अब भयावह ढंग से फैल रहा है। अलार्म का स्तर बहुत अधिक है।’ डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि अमेरिकी देशों में जिका के 30 से 40 लाख मामले हो सकते हैं।
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इसी बीच भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने आज कहा कि गर्भवती महिलाओं को उन देशों की यात्रा करने से परहेज करना चाहिए जहां मच्छरों से होने वाले जिका वायरस की आशंका है। जिका वायरस से माइक्रोसेफाली नामक बीमारी होती है। इस शब्द का अर्थ है छोटा दिमाग। इस बीमारी में दिमाग पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता है। आईएमए ने कहा कि जिन महिलाओं ने ऐसी यात्राएं की हैं और उसमें जिका बीमारी के लक्षण जैसे- बुखार, रैशेज, मांसपेशियों में दर्द आदि दिख रहे हों तो उन्हें दो सप्ताह के भीतर वायरस की जांच करा लेनी चाहिए।