नेपाल में Gen Z प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया है। नेपाल में GEN Z प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था जिसमें अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,000 से ज्यादा घायल हैं।
उग्र प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी। हिंसक आंदोलन के बाद केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब Gen Z प्रदर्शनकारी सुशीला कार्की को अंतरिम पीएम बनाना चाहते हैं।
आइए, आपको बताते हैं कि सुशीला कार्की कौन हैं।
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून, 1952 को नेपाल के बिराटनगर में हुआ था। सुशीला कार्की ने 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की और 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल से कानून की डिग्री प्राप्त की।
कार्की ने 1979 में बिराटनगर में कानूनी प्रैक्टिस शुरू की और 1985 में महेंद्र मल्टीपल कैंपस, धरान में सहायक शिक्षिका के रूप में काम किया। वह 2007 में सीनियर एडवोकेट बनीं। उन्हें 22 जनवरी, 2009 को सुप्रीम कोर्ट में एड-हॉक जस्टिस नियुक्त किया गया और 18 नवंबर, 2010 को जस्टिस बनीं। कार्की ने 13 अप्रैल से 10 जुलाई, 2016 तक कार्यवाहक चीफ जस्टिस के रूप में और फिर 11 जुलाई, 2016 से 7 जून, 2017 तक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में काम किया।
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कार्की के खिलाफ आया था महाभियोग प्रस्ताव
अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने चुनावी विवादों से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों की अध्यक्षता की और लोकतंत्र के संरक्षक के रूप में न्यायपालिका की भूमिका को मजबूत किया। 30 अप्रैल, 2017 को राजनीतिक दल माओवादी केंद्र और नेपाली कांग्रेस ने संसद में उनके ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया। बाद में लोगों के दबाव और सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के बाद यह प्रस्ताव वापस ले लिया गया।
सुशीला कार्की के पति नेपाली कांग्रेस के प्रमुख नेता दुर्गा प्रसाद सुबेदी हैं। सुबेदी से उनकी मुलाकात पढ़ाई के दौरान बनारस में हुई थी।