अमेरिका ने H-1B वीज़ा प्रणाली में बदलाव की घोषणा करने के साथ ही अब फीस 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) कर दी है। जिसके बाद अब ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया कि नयी फीस एकमुश्त भुगतान है जो केवल नई याचिकाओं पर लागू होगा और मौजूदा वीज़ा धारकों पर लागू नहीं होगा।

इस बीच, नई दिल्ली स्थित सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सरकार अमेरिकी अधिकारियों के साथ राजनयिक माध्यमों से संशोधित मानदंडों पर चर्चा करेगी। साथ ही यह तर्क देगी कि भारतीय पेशेवर अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मूल्य जोड़ते हैं और उस पर बोझ नहीं हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार ट्रंप प्रशासन के इस कदम को एक बड़ी कूटनीतिक चुनौती के रूप में देख रही है।

H-1B Visa: 1 लाख डॉलर की फीस वार्षिक नहीं बल्कि एकमुश्त शुल्क

इससे पहले, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने X पर पोस्ट किया कि 100,000 डॉलर की फीस वार्षिक नहीं बल्कि एकमुश्त शुल्क है जो केवल नई याचिकाओं पर लागू होता है। उन्होंने कहा, “जिन लोगों के पास पहले से ही H-1B वीज़ा है और जो वर्तमान में देश से बाहर हैं उनसे पुनः प्रवेश के लिए 100,000 अमेरिकी डॉलर नहीं लिए जाएंगे। H-1B वीज़ा धारक देश से बाहर जा सकते हैं और दोबारा एंट्री कर सकते हैं जैसा कि वे सामान्य रूप से करते हैं, उस पर कल की घोषणा का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”

केवल नए वीज़ा पर लागू होगी वीजा शुल्क बढ़ोत्तरी की घोषणा

लेविट ने आगे कहा कि यह घोषणा केवल नए वीज़ा पर लागू होती है रिन्यूएशन पर नहीं और वर्तमान वीज़ा धारकों पर नहीं और यह सबसे पहले अगले आगामी लॉटरी चक्र में लागू होगी। अमेरिकी सिटिजनशिप और इमिग्रेशन सर्विस (यूएससीआईएस) ने एक बयान में यह भी कहा कि नई H-1B आवश्यकता केवल उन नई संभावित याचिकाओं पर लागू होती है जो अभी तक दायर नहीं की गई हैं। उन्होंने कहा कि 21 सितंबर की प्रभावी घोषणा तिथि से पहले जमा की गई H-1B याचिकाएं इससे प्रभावित नहीं होंगी।

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एक ज्ञापन में, यूएससीआईएस निदेशक जोसेफ एडलो ने लिखा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका नागरिकता और आव्रजन सेवाओं के सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके निर्णय इस दिशानिर्देश के अनुरूप हों। ज्ञापन में कहा गया है, “यह घोषणा किसी भी मौजूदा वीज़ा धारक की संयुक्त राज्य अमेरिका आने-जाने की क्षमता को प्रभावित नहीं करती है।”

एक दिन पहले, जब यह पूछा गया था कि क्या 1 लाख डॉलर का शुल्क देश में पहले से मौजूद एच-1बी वीज़ा धारकों, नवीनीकरण कराने वालों या विदेश से पहली बार आवेदन करने वालों पर लागू होगा तो ओवल ऑफिस में ट्रंप के बगल में खड़े अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा था, “पहली बार नवीनीकरण कराने वालों के लिए, कंपनी को यह तय करना होगा। क्या वह व्यक्ति इतना मूल्यवान है कि वह सरकार को प्रति वर्ष 100,000 डॉलर का भुगतान करे या उन्हें घर लौट जाना चाहिए और किसी अमेरिकी को नौकरी पर रखना चाहिए। यह कुल छह साल का हो सकता है यानी प्रति वर्ष 100,000 डॉलर। तो या तो वह व्यक्ति कंपनी और अमेरिका के लिए बहुत मूल्यवान है या वे जाने वाले हैं और कंपनी किसी अमेरिकी को नौकरी पर रखेगी।”

सूत्रों ने बताया कि भारत के अधिकारी इन घटनाक्रमों पर नजर रखे हुए हैं और अचानक हुई घोषणा से उत्पन्न कठिनाइयों के बारे में अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में हैं।

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