अमेरिकी सरकार की एक बड़ी चूक सामने आई है, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने यमन में हूथी विद्रोहियों पर हमलों की गुप्त योजना गलती से एक पत्रकार को भेज दी। यह घटना तब हुई जब एक निजी सिग्नल चैट ग्रुप में ट्रंप प्रशासन के 18 वरिष्ठ अधिकारी आपस में युद्ध रणनीति पर चर्चा कर रहे थे। इस ग्रुप में गलती से द अटलांटिक (The Atlantic) पत्रिका के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग (Jeffrey Goldberg) को भी जोड़ दिया गया, जिससे उन्हें बेहद गोपनीय जानकारी तक पहुंच मिल गई। इस लीक से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं और व्हाइट हाउस को कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है।
इस ग्रुप में उपराष्ट्रपति, विदेश मंत्री, रक्षा सचिव आदि भी जुड़े थे
गोल्डबर्ग ने बताया कि उन्हें “हौथी पीसी स्मॉल ग्रुप (Houthi PC Small Group)” नाम के इस चैट ग्रुप में जोड़ दिया गया, जहां वरिष्ठ अधिकारी यमन पर अमेरिकी हमलों की बारीकियों पर चर्चा कर रहे थे। इस ग्रुप में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड जैसे बड़े अधिकारी शामिल थे। उन्होंने हमले की रणनीति, हथियारों के इस्तेमाल और संभावित लक्ष्यों पर चर्चा की थी। गोल्डबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि उन्होंने तुरंत संवेदनशील सामग्री हटा दी, लेकिन यह गलती पहले ही उजागर हो चुकी थी।
जब इस मामले पर व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस से सवाल किया गया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि यह एक असली चैट ग्रुप था और गलती से किसी अनजान नंबर को इसमें जोड़ दिया गया था। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि इस बातचीत से अमेरिकी सैन्य अभियान को कोई खतरा नहीं हुआ। व्हाइट हाउस की सफाई के बावजूद, यह सवाल बना हुआ है कि इतनी गोपनीय जानकारी इतनी आसानी से लीक कैसे हो गई।
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस मुद्दे को हल्के में लेते हुए कहा, “मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता। मैं अटलांटिक का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं हूं।” वहीं, उनकी प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बयान जारी कर कहा कि ट्रंप को अपनी सुरक्षा टीम पर पूरा भरोसा है। लेकिन लीक हुए संदेशों में एक और विवाद खड़ा हो गया, जब उपराष्ट्रपति वेंस ने यूरोप की सुरक्षा पर अमेरिका की जिम्मेदारी को लेकर नाराजगी जताई और कहा, “मुझे फिर से यूरोप को बचाने से नफरत है।” रक्षा सचिव हेगसेथ ने भी इस पर सहमति जताई और इसे “दयनीय” करार दिया।
इस गलती ने सुरक्षा विशेषज्ञों और राजनेताओं के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। डेमोक्रेटिक सांसद पैट रयान ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया और तत्काल जांच की मांग की। राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के पत्रकार शेन हैरिस ने भी इस लीक को चौंकाने वाला बताया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भविष्य में ऐसी गलती दोबारा हो सकती है और व्हाइट हाउस इससे कैसे सबक लेगा?