Iran-Israel War News: ईरान और इजरायल के बीच में भीषण युद्ध शुरू हो चुका है, दोनों तरफ से लगातार हमले हो रहे हैं, मिसाइलें दागी जा रही हैं और कई लोगों की मौत भी हुई है। अब मिडल ईस्ट में चल रहा यह युद्ध सिर्फ दो देशों के बीच में नहीं है बल्कि इसका व्यापक असर पूरी दुनिया पर पड़ने वाला है। यहां सरल शब्दों में समझने की कोशिश करते हैं कि ईरान-इजरायल युद्ध का भारत पर क्या असर पड़ेगा, 5 पॉइंट में चुनौतियां जानते हैं-
चुनौती नंबर 1- हवाई सफर होगा महंगा
ईरान-इजरायल युद्ध की वजह से सबसे बड़ा असर तो यह रहेगा कि तुरंत हवाई सफर महंगा हो जाएगा। यहां समझना जरूरी है कि इस समय पाकिस्तान का एयरस्पेस भारत के लिए बंद चल रहा है। इसके ऊपर अब इराक और ईरान का एयरस्पेस भी बंद हो चुका है। ऐसे में भारत का जो भी विमान यूरोप, अमेरिका या फिर कनाडा के लिए जाएगा, उसे लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी। अब जब दूरी बढ़ेगी तो उससे यात्रियों का ट्रैवल टाइम तो बढ़ेगा ही, इसके साथ-साथ विमान का किराया भी ज्यादा हो जाएगा।
चुनौती नंबर 2- आयात बिल में इजाफा
ईरान-इजरायल का युद्ध जब से शुरू हुआ है, क्रूड के दामों में भी आग लगी है। सिर्फ दो दिन के आंकड़े बता रहे हैं की क्रूड के दाम 15% तक बढ़ चुके हैं। जानकार मानते हैं कि अगर ईरान-इजरायल की जंग ऐसे ही जारी रही तो क्रूड के दाम 8 से 9 फ़ीसदी और ज्यादा बढ़ सकते हैं। इस स्थिति में भारत के आयात बिल बढ़ जाएगा। इतना जरूर कहा जा रहा है की शॉर्ट टर्म में भारत पर इतना असर ना पड़े।
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चुनौती नंबर 3- पेट्रोल के दामों पर असर
असल में हौरमज की एक जलसंधि है जो उत्तर में ईरान और दक्षिण में अरब से लगी हुई है। यहां से दुनिया का 20 फ़ीसदी तेल का व्यापार पिछले लंबे समय से हो रहा है। लेकिन अगर इस युद्ध की वजह से इस रास्ते में किसी भी तरह की बाधा आती है, उस स्थिति में इराक, सऊदी अरब और यूएई से आने वाली तेल सप्लाई बाधित हो जाएगी। उस स्थिति में भारत के लिए आयात करना मुश्किल होगा और जितना आयात मुश्किल होगा, पेट्रोल-डीजल के दाम भी उतने ही बढ़ जाएंगे।
चुनौती नंबर 4- रुपया होगा कमजोर
जानकार मानते हैं अगर ईरान-इजरायल का युद्ध जल्दी नहीं थमा तो उस स्थिति में डॉलर की डिमांड ज्यादा बढ़ेगी। लोगों उसे सेफ हेवन असेट के रूप में देखेंगे। ऐसा होने पर सीधे-सीधे भारत के रुपए पर दबाव बढ़ जाएगा और अगर रुपए पर दबाव बढ़ा तो देश का ट्रेड डिफिसिट और करंट अकाउंट डिफिसिट भी प्रभावित हो जाएगा। अब अगर रुपए की वैल्यू कम होती है तो उस वजह से आयोजित चीजें और ज्यादा महंगी हो जाती हैं।
चुनौती नंबर 5- कामगारों के लिए संकट
असल में भारत से करीब एक करोड़ लोग खाड़ी देशों में काम करने के लिए जाते हैं। बात अगर पिछले साल की करें तो इन्हीं कामगारों ने भारत में 45 अरब डॉलर रुपए भेजे थे जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी फायदेमंद रहे, लेकिन अगर युद्ध और भीषण होता है तो उस स्थिति में इन एक करोड़ कामगारों के काम पर संकट आएगा और उसका असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
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