पाकिस्तान की संसद का विशेष सत्र शनिवार को शुरू हुआ जो अब तक हंगामेदार रहा है। नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर चर्चा की शुरुआत करते हुए विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने सरकार गिराने की विदेशी साजिश वाले बयान पर स्पीकर पर भड़क उठे। उन्होंने स्पीकर से गुजारिश करते हुए कहा कि आज संविधान के साथ खड़े रहें और सही तरीके से स्पीकर का किरदार निभाएं। संसद में आज ही अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। हालांकि, हंगामे के बाद संसद की कार्यवाही को डेढ़ घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।
इसके पहले, शहबाज शरीफ ने पीएम इमरान खान पर जमकर निशाना साधा और कहा कि इमरान खान ने पाकिस्तान का भविष्य बर्बाद किया। उन्होंने कहा कि अगर वे विदेशी ताकतों द्वारा साजिश की बात करेंगे तो बात दूर तलक जाएगी, हम हमाम में सबको नंगा करेंगे।
शरीफ ने स्पीकर को संबोधित करते हुए कहा कि जो बीत गया, उसे छोड़ दिया जाए और कानून-संविधान के लिए खड़ा हुआ जाए। उन्होंने स्पीकर से अपनी भूमिका निभाने और ‘इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम दर्ज कराने’ का गुजारिश की। वहीं, स्पीकर ने शरीफ को आश्वस्त किया कि वह कानून और संविधान के अनुसार कार्यवाही का संचालन करेंगे। उन्होंने कहा कि लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस अंतरराष्ट्रीय साजिश की बात की जा रही है, उस पर भी चर्चा होनी चाहिए। उनकी इस टिप्पणी का विपक्ष ने विरोध किया। पीएम इमरान खान को पद से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों की आवश्यकता है।
पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विपक्षी दलों ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के असंतुष्टों और सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सहयोगियों की मदद से जरूरत से ज्यादा समर्थन हासिल कर लिया है। ऐसे में इमरान खान के लिए सदन में बहुमत साबित करना बहुत मुश्किल नजर आ रहा है। पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी प्रधानमंत्री पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है।
इमरान खान ने हाल ही में देश को संबोधित करते हुए एक ‘धमकी भरे खत’ के बारे में बात की थी और दावा किया था कि यह उन्हें हटाने की एक विदेशी साजिश का हिस्सा था क्योंकि स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करने के कारण वह उन देशों को स्वीकार्य नहीं थे। इमरान खान ने कहा था कि उनकी बहुत इच्छा है कि लोग इस खत को देख सकें लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इमरान ने इस चिट्ठी को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया था।
इमरान पर अपने ही मंत्रालय के सवाल
पाकिस्तान में सत्ता संग्राम के बीच वहां के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि पीएम खान को वह चिट्ठी (जिसे वह अपनी ढाल बना रहे हैं) नहीं सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए थी। शुक्रवार रात के संबोधन में भी पीएम इमरान ने इस खत का जिक्र किया था।
इसके पहले, सुप्रीम कोर्ट ने पीएम इमरान खान की राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को नेशनल असेंबली को भंग करने की सिफारिश को असंवैधानिक करार दिया था और निचले सदन के अध्यक्ष को शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए सत्र बुलाने का आदेश दिया था।
माना जा रहा है कि इमरान सरकार के गिरने के बाद 70 वर्षीय शहबाज शरीफ देश के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो इसके साथ ही पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी के दरवाजे भी खुल सकते हैंं।