अमेरिकी वैज्ञानिक और वॉयरोलॉजिस्ट इयान लिपकिन का कहना है कि कोरोनावायरस का टीका तैयार होने में अभी करीब एक साल का समय लगेगा। उन्होंने कोरोनावायरस को अब तक का सबसे तेज संक्रामक वायरस बताया है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज के जॉन स्नो इंस्टीट्यूट में में त्वचा रोग विशेषज्ञ और मेलमैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में सेंटर फॉर इन्फेक्शन और इम्युनिटी के निदेशक लिपकिन ने इंडिया टुडे मीडिया समूह को दिए इंटरव्यू में बताया कि जब वे पिछले साल चीन से लौटे थे, तो उन्होंने खुद को भी दो हफ्ते अलग-थलग रखा था।
लिपकिन के मुताबिक, इस वायरस से प्रभावित लोगों में बीमारी के लक्षण शुरुआत से नहीं दिखते या बहुत हल्के होते हैं। लोग दिन भर में हजारों बार अपना चेहरा छूते हैं, अगर इसे बंद कर दें तो कोरोनावायरस का खतरा 40% तक कम हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि सीजनल फ्लू (मौसमी बुखार) की तरह ही कोरोनावायरस से भी आने वाले सालों में हर साल लाखों की संख्या में लोग संक्रमित होंगे। उन्होंने बताया कि इस बीमारी की वैक्सीन बनने में अभी एक साल का समय लगेगा। हमें नहीं पता कि इसका कोई अंत है या नहीं, लेकिन हो सकता है अगले सीजन में यह फिर लौट आए। हमें खसरे की तरह ही इस वायरस के साथ भी जीना पड़ा।
बीमार हैं तो सबसे दूर हो जाएंः डॉक्टर लिपकिन के मुताबिक, अगर आप बीमार हैं, तो अपने आपको सबसे दूर कर लें। हमें इस लड़ाई में सबका साथ चाहिए। यह वायरस तेजी से म्यूटेट होता है, यानी अपना रूप बदलता है और हर स्थिति के हिसाब से ढल जाता है। कुछ वायरस इबोला की तरह मार देते हैं, वहीं हार्पीज जैसे कुछ वायरस जान नहीं लेते, लेकिन खतरनाक हैं। यह वायरस अब तक अपना खतरनाक रूप दिखाता आ रहा है। लेकिन इंसानों को इससे हार नहीं माननी है। बिना डर के सही कदम उठाकर ही वायरस से निपटा जा सकता है।
70 देशों में फैला कोरोनावायरस का कहरः कोरोना वायरस (Coronavirus) की जद में अब तक कम से कम 70 देश आ चुके हैं। इसी बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि डॉक्टरों को दस्ताने और मास्क नहीं मिल रहे हैं। वहीं, भारत में में फिलहाल 24 मरीज हैं, जबकि विदेश में रहने वाले 17 भारतीय इससे संक्रमित (विदेश मंत्रालय का आंकड़ा) पाए गए हैं। वायरस फैलने के डर को लेकर देश में सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक लोग अलर्ट हैं।