Sheikh Hasina News: पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी आईएसआई की एक खास रणनीति यह है कि वह तारीखों को सिंबल के तौर पर इस्तेमाल करती है। 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए हुए पांच साल बीत गए हैं। इसी दिन बांग्लादेश की तरफ से आई खबरों ने भूचाल मचा दिया। साल 2021 में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला था। काबूल में तालिबान ने वापसी कर ली थी। सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से कहा गया कि आईएसआई तारीख को सिंबल के तौर पर इस्तेमाल करके भारत की पूर्वोत्तर सीमा को अस्थिर करने की जुगत में लगी हुई है। उनका कहना है कि बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की सरकार को 15 साल अभी पूरी ही हुए थे कि उनके भारत के साथ अच्छे संबंध आईएसआई से देखे नहीं जा रहे थे।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे ने साजिब वाजेद जॉय ने काफी सारी बाते बताई हैं। उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेश में ऐसे ही हालात रहे तो इसको पाकिस्तान बनने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। उन्होंने खुले तौर पर इस बात को भी कहा कि बांग्लादेश की सरकार को अस्थिर करने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने साजिश रची है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी आईएसआई ने कथित तौर पर बीएनपी के कार्यवाहक चीफ तारिक रहमान के साथ मिलकर लंदन में शेख हसीना के खिलाफ साजिश रची थी। तारिक रहमान को डार्क प्रिंस के नाम से जाना जाता है। सूत्रों ने बताया कि वह ऐसा इस वजह से भी कह रहे हैं कि सऊदी अरब में तारिक रहमान और आईएसआई अधिकारियों के बीच मीटिंग के सबूत भी है।

तारिक रहमान डार्क प्रिंस के नाम से मशहूर

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की यूएई यूनिट के चीफ जाकिर हुसैन और रिटायर्ड पाकिस्तानी सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट शाहिद महमूद के साथ में लगातार बातचीत होती रही है। खुफिया सूत्रों के अनुसार शाहिद महमूद शरीफ पाकिस्तानी सेना का अधिकारी रहा है। वह साल 2004 में रिटायर हो गया ता। इसके बाद वह दुबई में ही रह रहा है।

आईसआई उसका इस्तेमाल बांग्लादेश में अपने बड़े अधिकारी और राजनीतिक नेताओं के बीच में संपर्क करने के लिए करती है। सूत्रों ने इस बात का भी खुलासा किया कि जाकिर की महमूद से करीब 11 बार मुलाकात हुई थी। सीक्रेट सर्विस को इस बाबत कुछ कागजात भी मिले हैं। उनमें जाकिर तारिक को बॉस कहकर बुलाता था। इतना ही नहीं उसने अपनी आखिरी बार हुई मीटिंग में आईएसआई का मैसेज लंदन तक पहुंचाने का पूरा विश्वास दिलाया था।

LIVE: ‘राजदूतों और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें वहां की एजेंसियां’, संसद में विदेश मंत्री बोले- हम ढाका प्रशासन के संपर्क में हैं

तारिक रहमान के संबंध दाऊद इब्राहिम के साथ

खुफिया एजेंसियों ने और भी कई चीजों का खुलासा किया है। उसमें कहा कि पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान के संबंध दाऊद इब्राहिम से भी हैं। दुबई में कई बार दाऊद और तारिक मिले भी थे। इतना ही नहीं दोनों के बीच में कुछ व्यापारिक संबंध भी हैं। दाऊद इब्राहिम की प्रॉपर्टी को भी तारिक ने करीब 60 मिलियन डॉलर में खरीदा था।

तारिक भारत के लिए भी काफी बड़ा खतरा है। इस बात को खुफिया एजेंसियों ने बताया है। रहमान के आईएशआई के साथ में भी काफी अच्छे संबंध हैं। उसने पहले सीआईए अधिकारियों से यह भी कहा था कि बांग्लादेश कभी भी नहीं बनना चाहिए। वह आईएसआई के हाथों का मोहरा है और भारत के खिलाफ साजिशें रचता रहता है।

भारत की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के रिटायर मेजर जनरल गगनजीत सिंह ने पहले बताया था कि एक बार हथियारों की काफी बड़ी खेप बांग्लादेश के चटगांव से जब्त किए गए थे। यह हथियार इसलिए भेजे थे ताकि भारत को अस्थिर किया जा सके। सूत्रों ने बताया कि शेख हसीना सरकार के खिलाफ चलाए जा रहे प्रोपेगेंडा में तारीक रहमान मुख्य चेहरा है। रहमान काफी बार बांग्लादेश में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बारे में भड़काऊ बयान भी दे चुका है।

जमात-ए-इस्लामी के छात्र संगठन को आईएसआई का समर्थन

सूत्रों ने बताया कि शेख हसीना सरकार के खिलाफ बैन किए गए जमात-ए-इस्लामी स्टूडेंट यूनियन छात्र शिबिर को भी आईएसआई का समर्थन है। सूत्रों ने बताया कि जमात-ए-इस्लामी केवल बांग्लादेश में ही बैन नहीं है बल्कि भारत में भी बैन है। रूस भी पहले से ही इसे आतंकी संगठन घोषित कर चुका है। जमात-ए-इस्लामी की बांग्लादेशी छात्रों में काफी गहरी पैठ है।

जमात-ए-इस्लामी का ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता का भी विरोध किया था। इस बात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को काफी बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया गया है। शेख मुजीबुर रहमान ने बांग्लादेश की आजादी का विरोध करने की वजह से जमात-ए-इस्लामी पर बैन लगा दिया था। बाद में जियाउर रहमान ने बैन को हटा दिया था। जमात-ए-इस्लामी का टारगेट था कि वह आईएसआई के साथ में मिलकर किसी भी तरह से हसीना की सरकार को अस्थिर कर दे। कुछ सोशल मीडिया हैंडल के जरिये करीब 500 से ज्यादा भड़काऊ पोस्ट भी किए गए हैं।