Pannun Assassination Plot: खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप अमेरिका के न्याय विभाग ने भारत के पूर्व इंटेलिजेंस अधिकारी पर लगाया है। विकास यादव नाम के भारतीय अधिकारी अमेरिका में थे। हालांकि, कुछ टाइम पहले ही उनको वापस बुला लिया गया था। अमेरिका न्याय विभाग ने कहा कि विकास यादव पर हत्या की साजिश रचने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। भारत की तरफ से कहा गया कि संबंधित अधिकारी को अब सेवा से हटा दिया गया है।
टॉइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, विकास यादव ने कैबिनेट सचिवालय में काम किया है। इसमें देश की विदेशी खुफिया एजेंसी रॉ का भी नाम शामिल है। न्याय विभाग ने कहा कि यादव ने साजिश रची थी। अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई के डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने कहा कि भारत सरकार के एक कर्मचारी यादव ने अपने अधिकार और सीक्रेट जानकारी तक पहुंच का इस्तेमाल करके अमेरिकी धरती पर गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रची।
पन्नू के बारे में शेयर की जानकारी
न्याय विभाग ने कहा कि साल 2023 में विकास यादव ने निखिल गुप्ता को पन्नू के बारे में जानकारी दी। इसमें पन्नू का एड्रेस, मोबाइल नंबर और रोजाना की हर एक गतिविधि शामिल है। उन्होंने बयान में आगे कहा कि एफबीआई हिंसा की घटनाओं को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेगा। इसके अलावा अमेरिका में रहने वाले लोगों से बदला लेने की कोशिशों को भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका में रहने वालों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाए।
खुफिया ऑपरेटिव अधिकारी अब सेवा में नहीं
मेरिक गारलैंड ने कहा कि जैसा कि आरोप लगाया गया है कि पिछले साल हमने विकास यादव और उसके साथी निखिल गुप्ता की अमेरिकी नागरिक की हत्या करने की कोशिश को पूरी तरह से नाकामयाब कर दिया था। आज के आरोप इसको दिखाते हैं कि न्याय विभाग अमेरिकियों को टारगेट करने और उन्हें खतरे में डालने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
वहीं अमेरिका को भारत की तरफ से जानकारी दी गई है कि खुफिया ऑपरेटिव अब सरकारी सेवा में नहीं है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम भारत के सहयोग से पूरी तरह संतुष्ट है। वह अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है।