धनशोधन के मामले में भगोड़ा घोषित विजय माल्या ने लंदन स्कूल आफ इकोनोमिक्स में आयोजित हुए पुस्तक विमोचन कार्यक्रम विवाद में रविवार को कहा कि वह बिन बुलाए जाने वालों में से नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में आमंत्रित थे। इस कार्यक्रम में भारतीय उच्चायुक्त भी शामिल हुए थे। लंदन में आयोजित एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में भारतीय उच्चायुक्त नवतेज सरना गुरुवार को शामिल हुए थे। इसमें माल्या भी देखे गए थे।
इससे विवाद पैदा हो गया था जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने शनिवार को स्पष्टीकरण जारी किया था कि माल्या कार्यक्रम के आयोजकों के आमंत्रित अतिथियों की सूची में शामिल नहीं थे। माल्या के अतिथियों में शामिल नहीं होने के दावों के बीच उन्होंने रविवार को ट्वीट किया, ‘मैं अपने जीवन में कभी बिना बुलाए नहीं गया। मैं बिना बुलाए जाने वालों में नहीं और ऐसा कभी नहीं करूंगा।’
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि जब उच्चायुक्त ने दर्शकों के बीच माल्या को देखा तो वह अपनी टिप्पणियों के तुरंत बाद मंच और कार्यक्रम स्थल से चले गए थे। कार्यक्रम ‘लंदन स्कूल आफ इकोनोमिक्स’ ने आयोजित किया था। कार्यक्रम शुरू होने के बाद प्रवेश करने वाले माल्या ने ट्वीट किया, ‘मैं अपने मित्र लेखक के लिए गया था। अपनी बेटी के साथ शांतिपूर्वक बैठा और बातें सुनीं। इसके बाद हेडलाइंस, न्यूज और अवांछित अटकलें लगने लगीं।’
उन्होंने कहा कि ‘कोई सबूत नहीं, कोई आरोपपत्र नहीं। इन सभी दावों से पहले क्या मुझे मेरे कानूनी उपचारों के प्रयोग का मौका नहीं दिया जाना चाहिए? बहुत अनुचित है।’ बता दें कि यह पता चलने के बाद सोशल मीडिया में हलचल मच गई कि सुहैल सेठ की नई पुस्तक के विमोचन के मौके पर सरना विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए जबकि माल्या भी दर्शकों में मौजूद थे।