Colorado Attack: अमेरिका के कोलोराडो में यहूदी समुदाय के एक कार्यक्रम के दौरान बड़ा हमला करने का मामला सामने आया। लोकल लोगों का कहना है कि एक संदिग्ध ने प्रदर्शनकारियों के पास आग लगाने की कोशिश की। FBI निदेशक काश पटेल ने इसे आतंकी हमला बताया है। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि हमले के पीछे के मकसद के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
दरअसल, यह हमला गाजा में रह रहे इजरायली बंधकों की याद में आयोजित एक कार्यक्रम के पास हुआ है। बोल्डर पुलिस प्रमुख स्टीफन रेडफर्न ने कहा कि उनके पास जो जानकारी है, वह अभी भी बहुत प्रारंभिक है। उन्होंने कहा कि पुलिस को एक व्यक्ति द्वारा हथियार लेकर लोगों को आग लगाने की सूचना मिलने के बाद बुलाया गया था।
FBI निदेशक काश पटेल ने बताया ‘टारगेट आतंकवादी’
FBI निदेशक पटेल ने इस हमले को “टारगेट आतंकवादी” बताया लेकिन चीफ रेडफियरन ने कहा कि पुलिस अभी तक इसे आधिकारिक तौर पर आतंकवादी हमला नहीं कह रही है। उन्होंने कहा, “यह बोल्डर के डाउनटाउन पर्ल स्ट्रीट में एक खूबसूरत रविवार की दोपहर थी और यह कृत्य अस्वीकार्य था। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप पीड़ितों, उन पीड़ितों के परिवारों और इस त्रासदी में शामिल सभी लोगों के बारे में सोचने में मेरे साथ शामिल हों।”
मध्य प्रदेश में आईजीपी, डीआईजी समेत 4 आईपीएस ऑफिसर्स का हुआ ट्रांसफर
हमले में झुलस गए कई लोग
वहीं इस मामले में पुलिस प्रमुख के अनुसार, कई पीड़ित बुरी तरह झुलस गए हैं और संदिग्धों को अस्पताल ले जाया गया और रिपोर्ट के समय तक उसकी पहचान नहीं हो पाई थी। पुलिस ने पैदल यात्री मॉल क्षेत्र के कई ब्लॉकों को खाली करा लिया। हमले के बाद का माहौल तनावपूर्ण था। पुलिस के कुत्ते के साथ ही इन्वेस्टिव ऑफिसर्स एजेंट सड़कों पर घूमकर खतरों की तलाश कर रहे थे और लोगों को पैदल यात्री मॉल से दूर रहने को कहा गया है।
जहां से पूरी दुनिया को मिला ज्ञान, बख्तियार खिलजी की ‘नफरत’ ने जला दिया नालंदा विश्वविद्यालय
इजरायल हमास युद्ध के चलते बढ़ा अमेरिका में टकराव
बता दें कि इजराइल और हमास के बीच बढ़ते युद्ध को लेकर अमेरिका में तनाव बढ़ रहा है। रॉयटर्स के अनुसार इजराइल समर्थकों और फिलिस्तीनी समर्थक समूहों के बीच यहूदी विरोधी घृणा अपराध और गरमागरम बहसें बढ़ रही हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प समेत इजरायल के रूढ़िवादी समर्थकों ने कई फिलिस्तीनी समर्थक प्रदर्शनों को यहूदी विरोधी बताया है।
ट्रंप प्रशासन प्रदर्शनकारियों को बिना किसी आरोप के गिरफ्तार करके निशाना बना रहा है। इस प्रयास में, ट्रंप प्रशासन ने कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों को दिए जाने वाले अनुदान पर रोक लगा दी, जहाँ विरोध प्रदर्शन हुए थे। बोल्डर हमला वाशिंगटन, डीसी में एक और हिंसक घटना के बाद हुआ है, जहां एक व्यक्ति को दो इजरायली दूतावास कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में शामिल एलएन मिश्रा की हत्या किसने की? 50 साल बाद फिर क्यों उठ रही जांच की मांग
सुखोई फाइटर जेट के टायर से चलेगा भगवान जगन्नाथ का रथ, कोलकाता इस्कॉन ने 48 साल बाद उठाया ये बड़ा कदम