अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते 180 से ज़्यादा देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की। ये टैरिफ तुरंत प्रभावी हो गए हैं। ट्रंप प्रशासन की इस नई नीति के तहत नॉन लिस्टेड देशों से सभी आयातों पर बेसलाइन 10 प्रतिशत टैरिफ और उन देशों पर हाई टैरिफ जो प्रशासन के अनुसार अमेरिकी निर्यात पर सख्त नियम या टैरिफ लगाते हैं। जिसके खिलाफ चीन ने अमेरिका से आने वाले हर आयात पर अब 34 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है जो 10 अप्रैल से लागू भी हो जाएगा। चीन की तरफ से जवाबी टैरिफ लगाए जाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी उन पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दी है। वहीं, खबर है कि अब यूरोपीय संघ (EU) ने कई अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाने की तैयारी की है। हालांकि, प्रस्ताव पर अभी सदस्य देशों की तरफ से मुहर लगाया जाना बाकी है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, EU ने सोमवार को कुछ अमेरिकी सामान पर 25 प्रतिशत जवाबी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव दिया है। एजेंसी ने दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि कुछ सामान पर टैरिफ 16 मई 2025 से प्रभावी हो जाएगा जबकि, कुछ अन्य पर भी इस साल से लागू होगा। इनमें हीरे, अंडे, डेंटल फ्लॉस, पोल्ट्री समेत कई चीजें शामिल हैं। खबरें हैं कि सदस्य देशों की तरफ से आपत्ति जताए जाने के बाद इस लिस्ट में से कुछ चीजों को हटाया गया है।
यूरोपीय संघ ने सोमवार को इस बात पर सहमति व्यक्त की कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को हटाने के लिए जवाबी कार्रवाई की जगह बातचीत को प्राथमिकता दी जाएगी।
EU ट्रंप के साथ बातचीत को तैयार
EU के व्यापार की देखरेख करने वाले मंत्रियों ने सोमवार को लक्ज़मबर्ग में यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया पर चर्चा की। कई लोगों ने कहा कि प्राथमिकता वार्ता शुरू करना और एक स्पष्ट व्यापार युद्ध को टालना है। डच व्यापार मंत्री रेनेट क्लेवर ने संवाददाताओं से कहा, “हमें शांत रहने और इस तरह से प्रतिक्रिया करने की ज़रूरत है कि तनाव कम हो। शेयर बाज़ार अभी दिखा रहे हैं कि अगर हम सीधे तनाव बढ़ाते हैं तो क्या होगा लेकिन हम अमेरिकियों को बातचीत की मेज पर लाने के लिए ज़रूरत पड़ने पर जवाबी कार्रवाई करने के लिए तैयार रहेंगे।” यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने ब्रुसेल्स में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूरोपीय संघ औद्योगिक वस्तुओं के लिए जीरो के लिए जीरो टैरिफ समझौते पर बातचीत करने के लिए तैयार है।
ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ लागू किए जाने से किन देशों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति
ट्रंप की नीति के तहत 27 देशों के यूरोपियन यूनियन को स्टील, एल्युमीनियम और कारों पर 25% आयात शुल्क और लगभग सभी अन्य वस्तुओं पर बुधवार से 20% का रेसिप्रोकल टैरिफ देना होगा। ट्रंप की नीति के अनुसार ये देश अमेरिकी आयात पर हाई टैरिफ लगाते हैं। ट्रंप ने 2 अप्रैल को चीन और भारत समेत करीब 180 देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। चीन के उत्पादों पर अमेरिका ने 34 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया है। इस पर पलटवार करते हुए चीन ने भी अमेरिकी आयात पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा कर दी है।
वहीं, ट्रंप ने चीन की तरफ से लगाए गए जवाबी सीमा शुल्क को वापस न लेने की स्थिति में उस पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की सोमवार को धमकी दी। ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रूथ सोशल’ पर पोस्ट में कहा, ‘अगर चीन आठ अप्रैल, 2025 तक अपने पहले से ही 34 प्रतिशत की वृद्धि को वापस नहीं लेता है तो हम चीन पर 50 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाएंगे जो 9 अप्रैल से प्रभावी हो जाएगा।’ पढ़ें- चीन ने अमेरिका पर ठोक दिया 34% का अतिरिक्त टैरिफ