Donald Trump Nobel Peace Prize: अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक बार फिर नोबेल पुरस्कार मांगा है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने दुनिया भर के कई देशों में शांति समझौते और सीजफायर करवाए हैं। कैरोलिन लेविट ने कहा कि ये शांति समझौते औसतन महीने में एक बार हुए हैं। उन्होंने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने की मांग को दोहराया है।
याद दिलाना होगा कि कुछ दिन पहले ही पहले पाकिस्तान और फिर इजरायल ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की सिफारिश की थी।
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व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने प्रेस बीफ्रिंग के दौरान कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया, इजरायल और ईरान, रवांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के अलावा भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष समाप्त करा दिया है… राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने छह महीने के कार्यकाल के दौरान औसतन हर महीने लगभग एक शांति समझौता या सीजफायर करवाया है। राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने का समय आ गया है।”
लेविट ने कहा, “थाईलैंड और कंबोडिया युद्ध में उलझे हुए थे और इस वजह से 3,00,000 से ज़्यादा लोग विस्थापित हो गए थे और राष्ट्रपति ट्रंप के दखल के बाद ही यह रुक सका।” लेविट ने आगे कहा, “ट्रंप थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री और कंबोडिया के प्रधानमंत्री से सीधे फोन पर बात की और दोनों नेताओं से कहा कि जब तक वे युद्ध को समाप्त नहीं कर देते, तब तक अमेरिका के साथ व्यापार को लेकर कोई चर्चा या समझौता नहीं होगा।”
ट्रंप ने खुद के लिए मांगा था नोबेल
यहां याद दिलाना जरूरी होगा कि पिछले महीने ट्रंप ने खुद के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग की थी। ट्रंप ने कहा था कि वह भारत-पाकिस्तान के बीच लड़ाई खत्म करने से लेकर कई और देशों के बीच हो रहे संघर्षों को सुलझा चुके हैं और उनकी कूटनीतिक कोशिशों के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को खत्म करवाना सबसे बड़ा काम था।
ट्रंप के सीजफायर के बयान को लेकर घमासान
बताना जरूरी होगा कि पिछले कुछ महीनों में भारत में डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को लेकर काफी विवाद हो चुका है। ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के संघर्ष के बाद हुए सीजफायर का क्रेडिट लेने की कोशिश की है। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने व्यापार रोकने की धमकी दी थी और इस वजह से भारत और पाकिस्तान जंग से पीछे हट गए। ट्रंप के मुताबिक उन्होंने कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से लड़ेंगे तो अमेरिका किसी भी तरह की ट्रेड डील नहीं करेगा। ट्रंप के इन बयानों को कांग्रेस ने बार-बार मुद्दा बनाया है। संसद के मानसून सत्र में भी इसे लेकर काफी हंगामा हो चुका है।
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