पाकिस्तान से लेकर पेरिस की सड़कों तक आतंकवादियों के सफाये के लिए अथक प्रयास करने का संकल्प जताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कांग्रेस से इस्लामिक स्टेट के उग्रवादियों के खिलाफ नई युद्ध शक्तियों को मंजूरी देने का आहवान किया।
ओबामा ने अपने सालाना स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस में कहा कि दुनिया भर में पाकिस्तान में स्कूल से लेकर पेरिस की सड़कों तक़ आतंकवादियों ने जिन लोगों को निशाना बनाया है, हम उन लोगों के साथ हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा हम आतंकवादियों का और उनके नेटवर्क का सफाया करते रहेंगे, हमने एकतरफा कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखा है क्योंकि मेरे इस पद पर आने के बाद से हमने उन आतंकवादियों के खिलाफ अथक कार्रवाई की है जो हमारे तथा सहयोगियों के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा कि इसी दौरान अमेरिका ने अफगानिस्तान और इराक में आतंकवाद के खिलाफ अपने युद्ध से सबक भी सीखा है।
ओबामा ने कहा अफगानिस्तान की घाटियों में गश्त कर रहे अमेरिकियों के बजाय हमने उनके सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण दिया जिन्होंने अब कमान संभाली है और हमने अपने सैनिकों के बलिदान को सम्मानित किया है जो उन्होंने वहां लोकतांत्रिक बदलाव में सहयोग के माध्यम से दिया। उन्होंने कहा वहां विशाल जमीनी सेना भेजने के बजाय हम दक्षिण एशिया से उत्तरी अफ्रीका तक देशों के साथ सहयोग कर रहे हैं ताकि अमेरिका के लिए खतरा बने आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह न मिले।
ओबामा ने कहा कि इराक और सीरिया में अमेरिकी सैन्य नेतत्व इस्लामिक स्टेट को अपना दायरा विस्तत करने से रोक रहा है। उन्होंने सांसदों से कहा कि वह आतंकी समूह के खिलाफ बल प्रयोग के लिए अधिकत करने संबंधी प्रस्ताव को पारित कर दुनिया को यह दिखाएं कि इस मिशन पर हम एकजुट हैं। आईएस ने इराक तथा सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है और खलीफा शासन की घोषणा कर रखी है।
ओबामा ने दुनिया के कुछ हिस्सों में यहूदियों के खिलाफ एक बार फिर उभर रही नफरत की निंदा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम मुसलमानों को आक्रामक छवि में पेश किए जाने को लगातार खारिज करते रहेंगे जिनका व्यापक बहुमत शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का साझीदार है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि सैन्य शक्ति और मजबूत कूटनीति के साथ अमेरिका बेहतर नेतृत्व करता है। यही हम फिलहाल दुनिया भर में कर रहे हैं। ओबामा ने कहा हम रूसी अतिक्रमण का विरोध, यूक्रेन के लोकतंत्र का समर्थन और हमारे नाटो सहयोगियों को फिर से आश्वासन दे कर उन सिद्धांतों को बरकरार रख रहे हैं कि बड़े देश छोटे देशों को डरा नहीं सकते।
हाल ही में सोनी पिक्चर्स के नेटवर्क की हैकिंग के संदर्भ में ओबामा ने कहा कोई भी दूसरा देश, कोई भी हैकर हमारे नेटवर्क को बंद नहीं कर सकता, हमारी गोपनीय कारोबारी जानकारी को चुरा नहीं सकता या अमेरिकी परिवारों, खास कर हमारे बच्चों की निजता में अतिक्रमण नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अमेरिका साइबर खतरे से निपटने के लिए अपनी खुफिया प्रणाली को उसी तरह एकीकत करेगा जिस तरह हमने आतंकवाद से निपटने के लिए किया।
राष्ट्रपति ने कांग्रेस से उस विधेयक को मंजूरी देने के लिए कहा जिसमें कहा गया है कि साइबर हमले के खतरे से अमेरिका को कारगर तरीके से निपटने की जरूरत है। उन्होंने गुआंतानामो बे आतंकवादी हिरासत केंद्र को बंद करने का अपना आहवान भी दोहराया।