अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में एक वाहन को निशाना बनाकर किए गए अमेरिकी ड्रोन हमले में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आठ आतंकवादी मारे गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “रविवार को हवाई हमला किया गया, जिसमें एक वाहन नष्ट हो गया। साल 2015 के बाद से यह प्रांत आतंकवादियों व सुरक्षा बलों की झड़प का केंद्र बना हुआ है। यहां सुरक्षा बलों और आईएएस के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। अमेरिकी बलों ने 13 अप्रैल को अफगानिस्तान के आचिन जिले में सबसे बड़ा गैर-परमाणु बम गिराया था, जिसमें करीब 100 आईएस आतंकवादी मारे गए थे, जबकि आतंकवादियों के ठिकाने को नष्ट कर दिया गया था।
आपको बता दें कि इससे पहले अफगानिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर अमेरिका ने भी सबसे बड़े बन (एमओएबी) से हमला किया था।अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान पर फेंके गए गैर परमाणु बम (एमओएबी) का असर पाकिस्तान पर भी पड़ा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि अमेरिका द्वारा छोड़े गए ‘मदर अॉफ अॉल बॉम्ब’ के कारण कुर्रम एजेंसी में इमारतों को नुकसान पहुंचा है। कई घरों के अलावा मलाना गांव की मस्जिद और इमामबरगाह में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। बर्फ से ढकी इस जगह को अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत और पाकिस्तान के कुर्रम आदिवासी इलाके के बीच प्राकृतिक सीमा माना जाता है।
अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया था कि एमओएबी ने अचिन जिले में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के बेस को निशाना बनाया था। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक एमओएबी के कारण 90 लोगों की जान चली गई है और आईएस का इन्फ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गया है। शुरुआत में मरने वालों की संख्या 36 बताई गई थी। मलाना गांव के रहने वालों ने पाकिस्तानी अखबार द डॉन को बताया कि उन्होंने एक धमाके की आवाज सुनी, जिसने उनके घरों को हिलाकर रख दिया। मुहम्मद हसन ने कहा कि हमने हल्के झटके महसूस किए, लेकिन हमें यह पता नहीं था कि इसके पीछे एक बम है। उन्होंने कहा कि इलाके की मस्जिदों और कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। जेरान इलाके में भी घरों को नुकसान पहुंचने की खबर है।

