अमेरिकी कांग्रेस के विदेश मामलों की समिति में डेमोक्रेटिक सांसदों ने बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप सरकार के भारत पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने के फैसले की कड़ी आलोचना की। उनका कहना है कि यह कदम “यूक्रेन की समस्या से बिलकुल भी जुड़ा नहीं लगता”। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर समिति के डेमोक्रेट सांसदों ने लिखा कि अमेरिका को उन देशों पर ध्यान देना चाहिए जो “बड़ी मात्रा में रूस का तेल खरीदते हैं”, लेकिन इसके बजाय ट्रंप प्रशासन ने भारत पर टैरिफ लगा दिया। उनके मुताबिक, इससे अमेरिका के आम लोगों को भी नुकसान हो रहा है और भारत के साथ संबंध भी बिगड़ रहे हैं।
डेमोक्रेट सांसदों ने साफ लिखा, “चीन या अन्य बड़े तेल आयातक देशों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, लेकिन भारत पर टैरिफ लगा दिया गया। ऐसा लगता है कि यह यूक्रेन की स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है।”
यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगा दिया। इससे पहले, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस को यूक्रेन पर हमला रोकने के लिए “भारत पर सेकेंडरी टैरिफ और अन्य आर्थिक दबाव” डालने का फैसला किया।
दरअसल, ट्रंप प्रशासन लंबे समय से भारत की रूस से तेल खरीदने की नीति पर नाराज है। अमेरिका ने चीन को, जो रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदता है, इस पर कभी टारगेट नहीं किया। इस महीने की शुरुआत में ही ट्रंप प्रशासन ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए 25 प्रतिशत का जुर्माना लगाया, जिससे भारत पर कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया।
यह किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्तों में खटास आ सकती है।