पाकिस्तानी मूल के कनाडाई बिजनेसमैन तहव्वुर राणा को अमेरिका ने भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी है। राणा 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में शामिल था। कैलिफोर्निया में एक अमेरिकी अदालत ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी है। भारत सरकार ने राणा के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था।

जून, 2020 में भारत ने प्रत्यर्पण के लिए राणा की अस्थाई गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी, जिसका बाइडन प्रशासन ने भी समर्थन किया था और भारत के अनुरोध को अनुमति दे दी थी। जिला अदालत की न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने 16 मई को 48 पन्नों के आदेश में कहा कि कोर्ट ने अनुरोध के समर्थन और विरोध में पेश किए गए सभी दस्तावेजों की समीक्षा की है।

कोर्ट ने कहा कि सभी दस्तावेजों और दलीलों को देखने और सुनने के बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि तहव्वुर राणा उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है जिनमें उसके प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार ने अनुरोध किया है। 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार हमलों में तहव्वुर राणा की भूमिका पाई गई थी इसलिए भारत की ओर से उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया था, जिसके बाद अमेरिका में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान, अमेरिकी सरकार के वकीलों ने तर्क दिया कि राणा का दोस्त डेविड कोलमैन हेडली लश्कर-ए-तैयबा ग्रुप में शामिल है और फिर भी राणा ने उसकी मदद की। इस तरह हेडली की गतिविधियों के लिए उसे बचाव प्रदान कर राणा ने आतंकवादी संगठन और इसके सहयोगियों की सहायता की।

वहीं, राणा के वकील ने प्रत्यर्पण का विरोध किया। भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि है। जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि राणा का भारत प्रत्यर्पण पूरी तरह से संधि के अधिकार क्षेत्र में है। नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने कहा कि वह राजनयिक माध्यमों से राणा को भारत लाने की कार्यवाही शुरू करने के लिए तैयार है। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा किए गए 26/11 हमलों में राणा की भूमिका की जांच एनआईए कर रहा है।

मुंबई हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। मुंबई के ताज पैलेस होटल जैसी प्रतिषिठित बिल्डिंग और स्थानों पर 60 घंटों तक ये हमले जारी रहे थे। इन हमलों में अजमल कसाब नाम का आतंकवादी जीवित पकड़ा गया था जिसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई थी। बाकी आतंकवादियों को हमलों के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था।