अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वार चल रहा है। दोनों देश पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। अभी तक अमेरिका ने चीन पर 125 फीसदी टैरिफ लगाया है, तो वहीं चीन ने अमेरिका पर 84 फीसदी टैरिफ लगाया है। इस बीच चीन ने कहा कि वह संघर्ष नहीं चाहता है, लेकिन अमेरिका द्वारा लगाए गए नए शुल्कों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए वह अमेरिका द्वारा टैरिफ की लगातार धमकियों से नहीं डरेगा। अमेरिकी शेयर बाजारों में आज फिर से गिरावट आई है। इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ में फौरी राहत के बाद बाजारों में जबरदस्त तेजी देखी गई थी। टेस्ला के शेयर 6% लुढ़क गए। एप्पल, एनवीडिया जैसी अन्य कंपनियां भी गिरावट में हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “अमेरिका का उद्देश्य लोगों का समर्थन नहीं जीत पाया और विफल हो जाएगा। चीन चुपचाप नहीं बैठेगा और अपने लोगों के वैध अधिकारों और हितों को वंचित नहीं होने देगा।”
अमेरिका के बाद अब चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका पर 125 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। यह टैरिफ 12 अप्रैल से लागू हो जाएगा।
अमेरिका द्वारा चीन पर 145 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद ड्रैगन ने बड़ा फैसला लिया है। चीन ने कहा है कि अब हॉलीवुड फिल्में चीन में रिलीज नहीं होंगी। यह फैसला ट्रंप द्वारा भारी भरकम टैरिफ लगाए जाने के बाद लिया गया है।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने चीनी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 145% कर चीन के साथ चल रहे व्यापार युद्ध को और तेज कर दिया है। चीन ने 84% टैरिफ लगाकर जवाबी हमला किया और दबाव कम करने के लिए यूरोप और एशिया के साथ संबंधों को मजबूत करना शुरू कर दिया। ट्रम्प ने बुधवार को दर्जनों देशों पर नए टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोक दिया है, उन्होंने चीनी आयात पर नए टैरिफ को 125% तक बढ़ाकर बीजिंग पर दबाव बढ़ा दिया है।
अमेरिका के टैरिफ के प्रस्ताव के खिलाफ चीन ने ऑस्ट्रेलिया से मदद मांगी थी। उसे अमेरिका टैरिफ के खिलाफ हाथ मिलाने का ऑफर दिया गया था लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने चीन के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया
ट्रंप ने टैरिफ में 90 दिनों की राहत दी है। इसके बाद शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली। ट्रंप ने इसे इतिहास का सबसे बड़ा दिन बताया है। ट्रंप ने कहा, "उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके पास दिन में पर्याप्त समय नहीं है। हर कोई आकर समझौता करना चाहता है, और हम कई अलग-अलग देशों के साथ काम कर रहे हैं और यह सब बहुत अच्छी तरह से काम करेगा। मुझे लगता है कि यह वास्तव में बहुत अच्छी तरह से काम करेगा, लेकिन हम अच्छी स्थिति में हैं।
अमेरिकी शेयर बाजारों में आज फिर से गिरावट आई है। इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ में फौरी राहत के बाद बाजारों में जबरदस्त तेजी देखी गई थी। टेस्ला के शेयर 6% लुढ़क गए। एप्पल, एनवीडिया जैसी अन्य कंपनियां भी गिरावट में हैं।
अमेरिका को दुनिया के करीब 15 देशों से व्यापार टैरिफ को लेकर स्पष्ट डील प्रस्ताव मिले हैं। यह जानकारी व्हाइट हाउस के चीफ आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने दी है।
अमेरिका द्वारा चीनी सामानों पर 125% टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन ने यूरोपीय संघ और आसियान देशों के साथ संपर्क बढ़ाकर एक संयुक्त अमेरिका-विरोधी मोर्चा बनाने की कोशिश शुरू कर दी है।
ज्योति स्टील इंडस्ट्रीज के पार्टनर और सीईओ तथा इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने अमेरिकी टैरिफ प्रभाव पर कहा-
हमने सरकार से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के लिए ब्याज समकारी योजना को फिर से शुरू करने को कहा है...हम अपने सारा निवेश अमेरिका के लिए एक टोकरी में नहीं रख सकते...हमें लैटिन अमेरिका, मध्य अमेरिका, पश्चिम अफ्रीका जैसे नए क्षेत्रों की खोज करनी होगी और वहां अपने कारोबार का विस्तार करना होगा...हमारे एमएसएमई निर्यातकों को प्रदर्शनियों में भाग लेने और ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन को छोड़कर अन्य देशों के लिए टैरिफ पर 90 दिनों की रोक पर भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन) के महानिदेशक और सीईओ अजय सहाय ने कहा-
यह भारत के लिए बड़ी राहत है...जो 90 दिन का समय दिया गया है, वह बहुत अच्छा है और इससे मौजूदा निर्यात जारी रहेगा...हमारे पास अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के लिए 90 दिनों की समय अवधि है...इसका न केवल निर्यात पर बल्कि बाजारों, मुद्राओं पर भी प्रभाव पड़ेगा और भारत जैसे देश के लिए यह बहुत फायदेमंद है क्योंकि भारत पहले से ही अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) की राह पर है
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने पहले व्यापार शुल्क के खिलाफ जवाबी कार्रवाई नहीं करने वाले देशों पर टैरिफ को घटाकर 10% करने के निर्णय के एक दिन बाद, यूरोपीय संघ ने गुरुवार को वार्ता के लिए समय देने के लिए अमेरिका के खिलाफ अपने टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोक दिया।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का अब अपने ही देश में विरोध होना शुरू हो गया है। ट्रंप के सबसे करीबी एलन मस्क ने भी शुल्क पर विचार करने की अपील की थी। वहीं अमेरिकी अरबपति निवेशक बिल एकमैन ने नए टैरिफ को 90 दिन तक के लिए टालने की अपील की थी।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी वस्तुओं पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन ने ‘प्रतिक्रियात्मक उपायों’ की घोषणा की और कहा कि वह अमेरिकी प्रशासन द्वारा 'टैक्स ब्लैकमेल' के मुद्दे पर नहीं झुकेगा। चीन ने यह भी घोषणा की कि वह अमेरिकी वस्तुओं पर 84 प्रतिशत टैरिफ लगा रहा है, जिससे अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव बढ़ गया है। ट्रंप ने विदेशी देशों पर अमेरिकी उत्पादों पर कठोर शुल्क लगाने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लूटने का आरोप लगाया है।
सूत्रों का कहना है कि ट्रंप टैरिफ को मात देने के लिए एप्पल ने भारत से 600 टन आईफ़ोन एयरलिफ्ट किए हैं। सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ को मात देने के प्रयास में भारत में उत्पादन बढ़ाने के बाद एप्पल ने 600 टन आईफ़ोन या 1.5 मिलियन यूनिट तक अमेरिका में लाने के लिए कार्गो उड़ानें किराए पर लीं। विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि आईफ़ोन की अमेरिकी कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि एप्पल की उपकरणों के मुख्य विनिर्माण केंद्र चीन से आयात पर निर्भरता है, जो ट्रंप की 125% की उच्चतम टैरिफ दर के अधीन है।
अमेरिकी टैरिफ प्रभाव पर ज्योति स्टील इंडस्ट्रीज के पार्टनर और सीईओ तथा इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के चेयरमैन पंकज चड्ढा ने कहा, "हमने सरकार से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के लिए ब्याज समानीकरण योजना को फिर से शुरू करने के लिए कहा है। हम अपने सभी अंडे अमेरिका के लिए एक टोकरी में नहीं रख सकते। हमें लैटिन अमेरिका, मध्य अमेरिका, पश्चिम अफ्रीका जैसे नए क्षेत्रों की खोज करनी होगी और वहां अपने कारोबार का विस्तार करना होगा। हमारे एमएसएमई निर्यातकों को प्रदर्शनियों में भाग लेने और ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लेकर बुधवार को बड़ा फैसला लिया। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बाजार में मंदी के बीच नए टैरिफ को 90 दिन तक के लिए टाल रहे हैं। इसमें भारत भी शामिल है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “अमेरिका का उद्देश्य लोगों का समर्थन नहीं जीत पाया और विफल हो जाएगा। चीन चुपचाप नहीं बैठेगा और अपने लोगों के वैध अधिकारों और हितों को वंचित नहीं होने देगा।”
चीन ने कहा कि वह संघर्ष नहीं चाहता है। अमेरिका द्वारा लगाए गए नए शुल्कों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए चीन ने कहा कि वह अमेरिका द्वारा टैरिफ की लगातार धमकियों से नहीं डरेगा।