चीन के कथित जासूसी गुब्बारे को लेकर संबंधों में आई कड़वाहट के बीच अमेरिका और चीन के विदेश मंत्रियों ने मुलाकात की है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शनिवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की और अमेरिकी संप्रभुता के उल्लंघन का मुद्दा उठाया। उन्होंने चेतावनी दी कि यूक्रेन युद्ध में रूस को मदद पहुंचाने को लेकर चीन पर पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से इतर शनिवार को यह मुलाकात हुई।

विदेश मंत्री ने उठाया अमेरिकी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का मुद्दा

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, “विदेश मंत्री ने अमेरिकी हवाई क्षेत्र में चीन के जासूसी गुब्बारे के कारण अमेरिकी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन को लेकर सीधी बात की और कहा कि इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना हरकत दोबारा नहीं होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “मुलाकात के दौरान ब्लिंकन ने स्पष्ट किया कि अमेरिका अपनी संप्रभुता का कोई भी उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा और चीनी गुब्बारा कार्यक्रम, जिसने पांच महाद्वीपों के 40 से अधिक देशों के हवाई क्षेत्रों में अतिक्रमण किया है, दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है।”

ब्लिंकन ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर भी बात की। प्राइस ने बताया, “यूक्रेन के खिलाफ रूस के क्रूर युद्ध को लेकर विदेश मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर चीन रूस का समर्थन करता है या प्रतिबंधों से बचने में उसकी सहायता करता है, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”

वहीं, चीनी विदेश मंत्री वांग ने इस प्रकरण को अमेरिका द्वारा निर्मित राजनीतिक तमाशा कहा और उन पर चीन को रोकने और दबाने के लिए सभी साधनों का उपयोग करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने चाइनीज गुब्बारे को लेकर किए गए अमेरिका के दावों को बेतुका बताया है। चीन इस बात से इनकार करता रहा है कि उसने अमेरिकी आसमान में कोई जासूसी गुब्बारा भेजा था। दरअसल, पिछले दिनों अमेरिकी आसमान में एक चीनी बैलून देखा गया था। अमेरिका का दावा था कि चीन ने यह जासूसी बैलून भेजा है। अमेरिका ने इसे नष्ट कर दिया। हालांकि, चीन का कहना था कि यह एक सिविल बैलून था और मौसम संबंधित रिसर्च कार्य के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। यह अमेरिका के हवाई क्षेत्र में भटक गया था।

ताइवान ने भी दी प्रतिक्रिया

चीनी गुब्बारे को लेकर ताइवान ने भी अपनी चिंता जाहिर की है। उसने पहले कहा था कि चीन का गुब्बारा जासूसी की नीयत से घूम रहा था, लेकिन बाद में ताइवान का बयान बदल गया। डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि उन्होंने चीनी मौसम विभाग का एक गुब्बारा देखा था। उधर, चीन लगातार इस बात से इनकार कर रहा है कि उसका कोई गुब्बारा जासूसी के लिए कहीं गया था। उसका कहना है कि ये सिविलियन मेट्रोलॉजिकल एयर शिप था। चीन का कहना है कि अमेरिका ने उसके इलाके में दर्जनों बार जासूसी गुब्बारे भेजे हैं। वो उलटा उन पर तोहमत लगा रहा है। बीजिंग बेस्ड थिंक टैंक सेंटर के वाइस प्रेजीडेंट विक्टर गाओ अमेरिका की हरकत को पागलपन से भरी मानते हैं। उनका कहना है कि अमेरिका गलत बर्ताव कर रहा है।