अमेरिका ने कहा है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का पक्षधर है लेकिन सुरक्षा मुद्दों पर चर्चाओं की ‘रफ्तार’ और ‘विस्तार’ पर फैसला दोनों देशों को करना है।

भारत के लिए अमेरिकी राजदूत पद के उम्मीदवार रिचर्ड वर्मा ने पद की मंजूरी से जुड़ी सुनवाई (कन्फर्मेशन हियरिंग) के दौरान विदेश संबंधों से जुड़ी सीनेट की समिति के समक्ष कल कहा, ‘‘बीते सप्ताहांत पर ही दक्षेस शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए और उनके बीच कुछ चर्चाएं हुईं। इसके बाद उर्च्च्जा और मोटरमार्ग एवं रेलकारों से जुड़े कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम इस तरह की वार्ता को जारी रखने के लिए प्रोत्साहन दे सकते हैं।’’

वर्मा ने कहा, ‘‘लेकिन अंतत: सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा भारतीयों और पाकिस्तानियों को करनी है।’’
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर एक सवाल का जवाब देते हुए वर्मा ने कहा कि जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह के लिए भारत गए थे, तब एक उम्मीद पैदा हुई थी। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन एकबार फिर, सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर उन चर्चाओं की रफ्तार, रूप और विस्तार उन दोनों देशों पर ही निर्भर है।’’

वर्मा ने कहा कि दक्षिणी एशिया में जनता का जनता से जुड़ाव ‘क्षेत्रीय संपर्क’ के जरिए बढ़ेगा। ‘‘मेरा मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय लगभग तीन अरब का व्यापार है, जो कि इसकी असल क्षमता से बहुत कम राशि है।’’
‘‘इन देशों के द्वारा व्यापार, आर्थिक अवसंरचना और उर्च्च्जा विकास को जितना अधिक बढ़ाया जाएगा, वह स्वाभाविक तौर पर सरकार से इतर उतने ही संपर्क बढ़ाने में मददगार होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय संपर्क, आर्थिक मुद्दों और जनता से जनता के जुड़ाव के मुद्दों पर मदद कर सकते हैं।’’
‘‘मेरा मानना है कि इसपर तीनों देशों को बहुत मेहनत करनी है।’’