पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने ग्लोबल आतंकवादी घोषित कर दिया है। एक तरफ भारत इसे अपनी बड़ी कूटनीतिक जीत बता रहा है तो वहीं अमेरिका ने इसे अपनी कूटनीतिक जीत करार दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने ट्वीट कर इसे अमेरिका की कूटनीतिक जीत कहा है।
पोंपियो ने ट्वीट किया ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में मौजूद हमारी टीम को जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित करवाने के लिए बधाई। यह अमेरिकी कूटनीति की लंबे समय और अर्थक प्रयासों की जीत है। यह आतंकवाद के खिलाफ खड़े अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जीत है। इस कदम से दक्षिण एशिया में शांति स्थापित होगी।’
अमेरिका ने बुधवार (1 अप्रैल 2019) को कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद सरगना को ब्लैकलिस्ट करना पाकिस्तान में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा है कि ’10 साल के लंबे इंतजार के बाद चीन ने सही दिशा में कदम उठाते हुए अपना प्रतिबंध वापस ले लिया। चीन ने इस बात को समझा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के मुद्दे पर अब यह जरूरी हो गया है कि उसे भी सहमति बनानी होगी।’
वहीं इस मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादी के रूप में मसूद अजहर को नामित करने के लिए 1267 प्रतिबंध समिति का निर्णय आतंकवाद और इसके प्रहारकों के खिलाफ लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संकल्प को प्रदर्शित करने के लिए सही दिशा में एक कदम है। हम फैसले का स्वागत करते हैं।’
बता दें कि 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे। जिसके बाद जैश ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। भारत ने भी 13 दिन के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित बालाकोट में जैश के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। जिसमें कई आतंकवादियों के मारे जाने का दावा किया गया। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित करने के लिए अमेरिका फ्रांस और यूके एक प्रस्ताव लाए थे जिस पर चीन ने तकनीकी रोक लगा दी थी।