संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ‘‘मुसलमानों के साथ भेदभाव’’ और हिंसा के अन्य रूपों के खिलाफ बोलने की अपील करते हुए शनिवार (19 मार्च) को कहा कि वह विश्व भर में बढ़ती असहिष्णुता और ‘‘नफरत के आधार पर हिंसा’’ की घटनाओं से चिंतित हैं। बान ने हर वर्ष 21 मार्च को मनाए जाने वाले ‘नस्लीय भेदभाव उन्मूलन’ अंतरराष्ट्रीय दिवस के तहत शुक्रवार (18 मार्च) को यहां आयोजित एक महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि नस्ल के आधार पर किसी पर संदेह करने और विशेष समुदायों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं और उन्होंने विभाजनकारी एवं खतरनाक मिथकों को भड़काने के लिए ‘‘अतिवादी दक्षिणपंथी’’ राजनीतिक दलों को दोषी ठहराया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं विश्व भर में असहिष्णुता, नस्लवादी विचारों और नफरत आधारित हिंसा के बढने से चिंतित हूं। आर्थिक कठिनाई और राजनीतिक अवसरवाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ शत्रुता बढ़ा रहे हैं। ऐसा सबसे प्रत्यक्ष रूप से शरणार्थी विरोधी, प्रवासी विरोधी और खासकर, मुस्लिम विरोधी हमलों और हिंसा में दिखने को मिल रहा है।’’
मून ने कहा, ‘‘यहां तक कि कभी मध्यमार्गी रही पार्टियों ने अपने विचार कट्टर कर लिए हैं, कभी उदारवादी रहे देशों में अब विदेशी लोगों को नापसंद किए जाने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है और कभी संयमित रही आवाजों ने पिछली सदी के सबसे काले अध्यायों के खतरों को एक खरतनाक तरीके से भुनाया है। इन सभी ने सामाजिक स्थिरता और संघर्ष को बढावा दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला सभी पर हमला है।’’