यूक्रेन में चल रहे युद्ध और रूसी हमले के बीच जान बचाने के लिए हर कोई परेशान है। भारत सरकार ने वहां से अपने देश के छात्र-छात्राओं को सुरक्षित निकालने के लिए कई तरह का प्रबंध किया है। इस बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि यूक्रेन में फंसे पाकिस्तान के बच्चे भी अपनी जान बचाने के लिए भारत का झंडा लेकर घूम रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान ने उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया है। यानी उन्हें भी भारत पर ही भरोसा है। उन्होंने यूक्रेन में बेगूसराय के बीहट की छात्रा भानुप्रिया से व्हाट्सअप पर वीडियो काल पर बात कर परेशान नहीं होने को कहा। आश्वासन दिया कि उन्हें जल्द देश में वापस लाया जाएगा। वहां फंसे बेगूसराय के अन्य छात्रों के बारे में भी जानकारी मांगी। गिरिराज सिंह बेगूसराय से ही सांसद हैं।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि “मोदी हैं तो मुमकिन है। इसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं बिहारवासियों की ओर से, भारतवासियों की ओर से, उन बच्चों की माता-पिता की ओर से जो रात-दिन चिंतित थे। आज ट्रेन हंगरी की ओर प्रस्थान कर गया है। यह चौथी खेप है। अब लगता है कि यह लास्ट रेस्क्यू होगा, और भारत का प्रधानमंत्री, भारत का विदेशमंत्री, पूरी दुनिया में भारत के लोगों को बचाने के लिए लगा है।”

उन्होंने मीडिया के सामने खुलासा किया कि “पाकिस्तान के बच्चे भारत का झंडा लेकर फर्जी ढंग से घुसे थे यानी पाकिस्तान ने मरने के लिए छोड़ दिया। और उसको भी भरोसा था भारत के झंडे से, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री ने अपने एक-एक बच्चे को बाहर लाने का काम किया। यही सबसे बड़ी चीज है।”

कहा 2008 में जब सीरिया में युद्ध हुआ था, आतंक था। मोदी ने तब भी वहां से भारतवंशियों को रेस्क्यू करने का काम किया। और सभी भारतीयों को सुरक्षित अपने देश ले आया था। इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के अभियान के बारे में जानकारी दी।

यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को छात्रों सहित सभी भारतीयों को उपलब्ध ट्रेन या किसी अन्य माध्यम से आज तत्काल कीव छोड़ने का सुझाव दिया है। दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘कीव में भारतीयों के लिये परामर्श…छात्रों सहित सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे आज तत्काल कीव छोड़ दें। उपलब्ध ट्रेन या किसी अन्य उपलब्ध माध्यम के जरिये।’’ यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद युद्धग्रस्त देश का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से लगी उसकी (यूक्रेन की) सीमा चौकियों के जरिए वहां से बाहर निकाल रहा है।