Zelenskyy-Modi Discussion On Ukraine-Russia War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से फोन पर बात और उनसे रूस के साथ शांति के फार्मूला (Peace Formula) के कार्यान्वयन में भारत की मदद मांगी। उन्होंने ट्वीट किया, “मैंने पीएम मोदी के साथ फोन कॉल की और उनके सफल जी20 अध्यक्ष पद (G20 Presidency) की कामना की। इसी मंच पर मैंने शांति के फार्मूला (Peace Formula) की घोषणा की और अब मैं इसके कार्यान्वयन में भारत की भागीदारी पर भरोसा करता हूं। मैंने मानवीय सहायता के लिए धन्यवाद दिया और संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में समर्थन भी किया।”

PM Modi ने भारतीय छात्रों की शिक्षा फिर से बहाल करने की मांग की

पीएमओ (PMO) की ओर से बताया गया कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने यूक्रेन के अधिकारियों से भारतीय छात्रों की निरंतर शिक्षा की व्यवस्था करने का अनुरोध किया, जिन्हें इस साल की शुरुआत में यूक्रेन से वापस आना पड़ा था।

जेलेंस्की ने कहा- रूस से नहीं करेंगे बातचीत

अक्टूबर में, ज़ेलेंस्की ने कहा था कि कीव रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत नहीं करेगा। यूक्रेन के चार रूसी कब्जे वाले क्षेत्रों – लुहांस्क, डोनेट्स्क, ज़ापोरिज़्ज़िया और खेरसॉन में जनमत संग्रह पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा कि यूक्रेनी क्षेत्रों के अवैध कब्जे के प्रयास के उद्देश्य से सभी हमलावरों के फैसले जीरो हैं। ये वास्तविकता को नहीं बदल सकते हैं।

ज़ेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि ऐसी परिस्थितियों में, यूक्रेन रूसी संघ के वर्तमान राष्ट्रपति के साथ कोई बातचीत नहीं करेगा, और कहा कि हमारा राज्य हमेशा बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध रहा है। ज़ेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि ऐसी परिस्थितियों में, यूक्रेन रूसी संघ के वर्तमान राष्ट्रपति के साथ कोई बातचीत नहीं करेगा, और कहा कि हमारा राज्य हमेशा बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध रहा है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, “हालांकि, रूस बातचीत के लिए खड़ा नहीं हुआ और जानबूझकर इस प्रक्रिया को कमजोर करते हुए एक अल्टीमेटम दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में अपने भाषण के दौरान, मैंने शांति के लिए अपने स्पष्ट सूत्र को रेखांकित किया था। हम इसे हासिल करने के लिए अपने भागीदारों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।”

इससे पहले सोमवार को यूक्रेन ने रूस को संयुक्त राष्ट्र से हटाने की मांग की। मास्को सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के तौर पर किसी भी प्रस्ताव को वीटो कर सकता है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “यूक्रेन संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राष्टों का आह्वान किया कि रूसी संघ को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में अपनी स्थिति से वंचित कर दिया जाए और इसे संयुक्त राष्ट्र से बाहर कर दिया जाए।”

बयान में कहा गया है कि 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद से रूस “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूएसएसआर की सीट पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है।”