Ukraine Minister Visit India: यूक्रेन के विदेश मामलों की पहली उपमंत्री अमिन झापरोवा 9 अप्रैल रविवार को भारत की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचेंगी। उनकी चार दिवसीय भारत यात्रा का 12 अप्रैल को पूरा होगा। रूस के साथ युद्ध के बीच यूक्रेन की मंत्री का यह पहली भारत यात्रा है। भारत यात्रा के दौरान अमीन झापरोवा विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ बातचीत करेंगी। इस आधिकारिक चर्चा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों, यूक्रेन की मौजूदा हालत और आपसी हित से जुड़े वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की जा सकती है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पूर्वी यूरोपीय देश की पहली यात्रा

यूक्रेन पर पिछले साल रूस के सैनिकों का हमला शुरू होने के बाद से पूर्वी यूरोपीय देश की पहली विदेश उप मंत्री झापरोवा पहली आधिकारिक यात्रा पर निकली हैं। भारत में वह विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी से भी मुलाकात करेंगी। इसके अलावा उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री से भी उनकी मुलाकात तय है।

भारत और यूक्रेन के बीच 30 साल से मधुर राजनयिक संबंध

विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत यूक्रेन के साथ मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध और बहुआयामी सहयोग साझा करता है। आपसी राजनयिक संबंध के पिछले 30 वर्षों में द्विपक्षीय सहयोग से व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा के क्षेत्रों में दोनों देशों ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। यूक्रेन की उप मंत्री की यह भारत यात्रा दोनों देशों के बीच आपसी समझ और हितों को और आगे बढ़ाने का बड़ा मौका साबित होगा।

पीएम मोदी को दे सकती हैं कीव आने का न्योता

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन की डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर अमीन झापरोवा अपनी भारत यात्रा के दौरान रूस के हमले से क्षतिग्रस्त ऊर्जा बुनियादी ढांचे की मरम्मत के लिए मानवीय मदद और उपकरणों की मांग कर सकती हैं। उनकी ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधिकारिक रूप से यूक्रेन की राजधानी कीव आने का न्योता दिए जाने की भी उम्मीद है। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ही यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की से कई बार शांति कायम करने और बातचीत से मुद्दे सुलझाने को लेकर बातचीत की है।

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कूटनीति और बातचीत ही शांति का एकमात्र तरीका

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने कई बार और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों के माध्यम से सार्वजनिक तौर पर कहा है कि कूटनीति और बातचीत ही संघर्ष के मुद्दे को खत्म कर शांति स्थापित करने का एकमात्र तरीका है। पीएम मोदी ने 4 अक्टूबर, 2022 को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत में भी कहा था कि “कोई सैन्य समाधान नहीं” हो सकता है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच शांति के किसी भी प्रयासों में भारत योगदान देने के लिए हमेशा तैयार है।