अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकवाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। सऊदी अरब में यूक्रेन और अमेरिका के प्रतिनिधियों की बैठक हुई और इसमें सीजफायर को लेकर सहमति बनी। अमेरिका ने 30 दिनों के सीजफायर का प्लान रूस को भेजा। अब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे स्वीकार कर लिया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने मामले पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने युद्ध को संबोधित करने के प्रयासों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा सहित विश्व नेताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है।

जानें पुतिन ने क्या कहा

गुरुवार को बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पुतिन ने कहा कि रूस शत्रुता समाप्त करने के प्रस्तावों से सहमत है, लेकिन इस धारणा से हम आगे बढ़ेंगे कि इस सीजफायर से दीर्घकालिक शांति आएगी और संकट के मूल कारणों को समाप्त किया जाएगा।

सीजफायर के लिए यूक्रेन की तेजी के बारे में पूछे जाने पर पुतिन ने कहा, “जहां तक ​​सीजफायर के लिए यूक्रेन की तत्परता का सवाल है, मैं आपको बताऊंगा कि मैं इसे किस तरह देखता हूं। लेकिन मैं यूक्रेन समझौते पर इतना ध्यान देने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को धन्यवाद देकर शुरुआत करना चाहूंगा। हम सभी के पास अपने घरेलू मामलों को निपटाने के लिए पर्याप्त समय है। लेकिन कई राष्ट्रों के नेता जिनमें चाइना के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका गणराज्य के राष्ट्रपति शामिल हैं। वे इस मुद्दे को संबोधित कर रहे हैं और इसे अपना बहुत समय दे रहे हैं। हम इसके लिए उन सभी के आभारी हैं क्योंकि इस गतिविधि का उद्देश्य एक महान मिशन को प्राप्त करना है। शत्रुता और जानमाल के नुकसान को समाप्त करने का यह मिशन है।”

‘अगर रूस सीजफायर पर सहमत नहीं हुआ तो…’, अब पुतिन को डोनाल्ड ट्रंप ने दे दी वार्निंग

पुतिन ने आगे कहा, “हम शत्रुता समाप्त करने के प्रस्तावों से सहमत हैं, लेकिन इस धारणा से आगे बढ़ते हैं कि इस समाप्ति से दीर्घकालिक शांति आएगी और इस संकट के मूल कारणों को समाप्त किया जाएगा।” उन्होंने सऊदी अरब में हाल ही में हुई यूएस-यूक्रेन चर्चाओं का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया कि युद्ध विराम के लिए यूक्रेन की इच्छा संभवतः अमेरिकी दबाव से प्रभावित थी।

भारत शांति चाहता है- पीएम मोदी

फरवरी की शुरुआत में पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध को हल करने के लिए ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया और भारत की स्थिति को दोहराया कि संघर्ष को बातचीत की मेज पर हल किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी दोहराया था कि संघर्ष में भारत का रुख तटस्थ नहीं है, बल्कि यह शांति के पक्ष में है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने खुद रूस और यूक्रेन दोनों के नेताओं से मुलाकात की है। व्हाइट हाउस में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा था, “मैं हमेशा रूस और यूक्रेन के साथ घनिष्ठ संपर्क में रहा हूं। मैंने दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात की है। कई लोगों को गलतफहमी है कि भारत तटस्थ है, लेकिन मैं दोहराना चाहता हूं कि भारत तटस्थ नहीं है; हम एक पक्ष में हैं और वह है शांति।”