प्रधानमंत्री नरेंद्र आज शाम गुरुवार को यूक्रेन के लिए रवाना होने जा रहे हैं। पीएम मोदी किसी हवाई जवाज से नहीं बल्कि एक ट्रेन से यूक्रेन तक का रास्ता तय करेंगे। यह ट्रेन पोलैंड से चलेगी और 10 घंटे में कीव पहुंचेगी। बड़ी बात यह है कि पीएम मोदी को सिर्फ 7 घंटों के लिए कीव में रुकना है, लेकिन उसके लिए उनका सफर काफी लंबा चलने वाला है। इस समय हर तरफ इस बात की चर्चा हो रही है कि आखिर पीएम मोदी एक ट्रेन से क्यों ट्रैवल कर रहे हैं?

यूक्रेन की खास ट्रेन: दुनिया का हर बड़ा नेता करता ट्रैवल

अब इस सवाल का सबसे सीधा जवाब यह है कि रूस के साथ यूक्रेन का युद्ध जारी है, लगातार ड्रोन हमले हो रहे हैं, मिसाइलें दागी जा रही हैं, ऐसे में यूक्रेन का एयरस्पेस सुरक्षित नहीं चल रहा। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से किसी भी वर्ल्ड लीडर को प्लेन से सफर करने की अनुमति नहीं चल रही है। अब बात उस ट्रेन की जिससे पीएम मोदी यूक्रेन जा रहे हैं। इस ट्रेन का नाम ‘Rail Force One’ है।

PM मोदी के यूक्रेन दौरे को हल्के में ना ले दुनिया

ट्रेन की शुरुआत कब हुई?

रेल फोर्स वन ट्रेन को असल में साल 2014 में शुरू किया गया था। इस ट्रेन के जरिए लोग क्रीमिया जाया करते थे। यह लग्जरी पैसेंजर ट्रेन थी जिसमें सारी सुविधाएं रहीं। लेकिन फिर रूस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए क्रीमिया पर अपना कब्जा जमा लिया और तब से ही इस ट्रेन का उदेश्य पूरी तरह बदल गया। अब वर्ल्ड लीडर्स को यूक्रेन ले जाने के लिए इस ट्रेन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। अभी तक कई देश के प्रधानमंत्री इस ट्रेन से सफर कर चुके हैं, सबसे बड़ा नाम तो राष्ट्रपति जो बाइडेन का जिन्होंने कई घंटे सफर कर इस ट्रेन से यूक्रेन तक का रास्ता तय किया।

ट्रेन की खास बातें जानते हैं

यूक्रेन की इस ट्रेन को इन 6 वजहों से काफी खास माना जा रहा है-

खासियत नंबर 1- एक विशेष प्रकार की लकड़ी से इस ट्रेन के कैबिन बनाए गए हैं

खासियत नंबर 2- नेताओं की बैठकों के लिए बड़ी टेबलें और सोफों का इंतजाम

खायिसत नंबर 3- मनोरंजन के लिए बड़े टीवी और कंफर्टेबल बिस्तर

खासियत नंबर 4- ट्रेन में इलेक्ट्रिक नहीं डीजल इंजन, कभी फेल नहीं होगी ग्रिड

खासियत नंबर 5- सिर्फ 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार, नहीं हो सकेगी ट्रैक

खासियत नंबर 6- बख्तरबंद खिड़कियां करती हैं उच्च स्तर की सुरक्ष

मोदी का यूक्रेन दौरा क्यों जरूरी?

वैसे पीएम मोदी के इस यूक्रेन दौरे के भी बड़े मायने निकाले जा रहे हैं। विदेशी मामलों के जानकार इसे एक बड़े कूटनीतिक कदम के रूप में देखते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पीएम मोदी राष्ट्रपति पुतिन से मिलने के बाद यूक्रेन दौरा इसलिए कर रहे हैं, जिससे फिर यह साबित हो जाए कि भारत ने किसी एक पक्ष की साइड नहीं ली है बल्कि उसका फोकस तो युद्ध रोकने में है, वो तो बस शांति स्थापित करना चाहता है।