यूके सरकार ने इंग्लैंड के सभी स्कूलों को स्कूल के घंटों के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर बैन लागू करने की सलाह देते हुए कड़े नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। शिक्षा सचिव गिलियन कीगन ने कहा कि इन नियमों का उद्देश्य छात्रों के अत्यधिक फोन इस्तेमाल को कम करना है। यूनाइटेड किंगडम के अलावा कई अन्य यूरोपीय देश जैसे फ्रांस, इटली और पुर्तगाल में भी स्कूलों में मोबाइल फोन को बैन कर दिया है।
नए दिशानिर्देश के मुताबिक, स्कूल के प्रिंसिपल इन कानून के जरिए पूरी तरह से बैन लगाए बिना स्कूलों के अंदर मोबाइल फोन के उपयोग को सीमित करने की आजादी देते हैं। सरकार के सुझाए गए तरीकों में स्कूल के भीतर फोन पर पूर्ण प्रतिबंध, स्कूल के घंटों के दौरान फोन जमा करना या फोन रखने के लिए खास लॉकर बनाना शामिल है।
97% बच्चों के पास 12 साल की उम्र तक मोबाइल फोन
शिक्षा विभाग (DfE) ने स्कूलों में मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल, जैसे साइबरबुलिंग, पढ़ाई में रुकावट और सीखने के समय का नुकसान पर चिंताएं उठाई हैं। ऑफकॉम के आंकड़ों के मुताबिक, 97% बच्चों के पास 12 साल की उम्र तक मोबाइल फोन होता है। यूके के शिक्षा सचिव गिलियन कीगन ने बीबीसी से कहा, “आप सीखने, दोस्ती विकसित करने, साथियों और शिक्षकों के साथ बातचीत करने के लिए स्कूल जाते हैं न कि लगातार अपने फोन पर स्क्रॉल करने के लिए।”
छात्रों के फोन के इस्तेमाल को बैन
एक तरफ जहां एसोसिएशन ऑफ स्कूल एंड कॉलेज लीडर्स के नेता इसे एक गैर-मौजूद समस्या का गैर जरूरी समाधान बताते हैं, वहीं कुछ प्रधानाध्यापकों ने इसका स्वागत किया है। एसेक्स के पासमोर्स अकादमी के प्रधानाध्यापक विक गोडार्ड ने कहा, “स्कूल सभी छात्रों के फायदे के लिए इस नीति में बदलाव करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।”
युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य और विकास पर सोशल मीडिया के प्रभाव पर बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर छात्रों के फोन के इस्तेमाल को बैन करने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह करने वाले माता-पिता, वकीलों और डिजिटल सेफ्टी ग्रुप्स की बढ़ती कॉल के बीच ये निर्देश आए हैं।
PM ऋषि सुनक ने भी इस मुद्दे को उठाया
यूके सरकार का तर्क है कि फोन के उपयोग को प्रतिबंधित करने से एकाग्रता, शारीरिक गतिविधि और एक दूसरे के बीच बातचीत बढ़ सकती है। कई माता-पिताओं ने हाल ही में टेक कंपनियों और स्कूलों से 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए स्मार्टफोन की रीच को सीमित करने का अनुरोध किया, जिसे बाल आयुक्त राचेल डी सूजा ने जोरदार समर्थन दिया।
हालांकि, सरकार स्पेशलाइज्ड अंडर-16 मोबाइल फोन को आगे नहीं बढ़ाएगी, प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। सुनक ने एक प्रेस ब्रीफिंग में टिप्पणी की, “ऑनलाइन युवाओं की सुरक्षा करना हमेशा हमारी प्राथमिकता होगी। मेरी सरकार टेक कंपनियों के साथ बात रही है और बच्चों के लिए नुकसानदायक सामग्री तक पहुंच को प्रतिबंधित करने वाले सभी तरीकों पर विचार कर रही है।”
जल्द बनाए जाएंगे कानून
इस मुद्दे पर अभी वैधानिक कानून नहीं है लेकन अधिकारियों का कहना है कि स्पष्ट दिशानिर्देश देशभर में जल्द बनाए जाएंगे। ये नियम टीचर्स को गैजेट जब्त करने और इनके खिलाफ स्कूलों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने का अधिकार भी देते हैं।
यूके सरकार का तर्क है कि फोन के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने से एकाग्रता, शारीरिक गतिविधि और आमने-सामने बातचीत बढ़ सकती है। माता-पिता को सलाह दी जाती है कि अगर उन्हें स्कूल के समय के दौरान अपने बच्चे से संपर्क करने की आवश्यकता हो तो वे उनके फोन का उपयोग करने के बजाय सीधे स्कूल से संपर्क करें। दिशानिर्देश घर पर अपने बच्चों के साथ फोन के उपयोग और इंटरनेट सुरक्षा से संबंधित नियमों पर चर्चा करने के महत्व पर भी जोर देते हैं।