साल 2018 में अमेजन के CEO जेफ बेजोस का मोबाइल फोन हैक करने के लिए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से जुड़े एक व्हाट्सएप अकाउंट का इस्तेमाल किया गया था। बुधवार (22 जनवरी, 2020) को सयुक्त राष्ट्र के दो मानवाधिकार विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी। उनके मुताबिक बेजोस को क्राउन प्रिंस के द्वारा इस्तेमाल किए गए अकाउंट से एन्क्रिप्टेड वीडियो संदेश मिला जिसमें एक मैलिसियस फाइल (एक तरह का करप्ट फाइल) शामिल थी। इसके अलावा खबर को दबवाने की कवायद भी हुई। हालांकि सऊदी अरब ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया और मामले में जांच की मांग की। यूएन विशेषज्ञों ने सऊदी अरब पर खाशोगी की हत्या के बाद बेजोस की छवि को धूमिल करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया अभियान शुरू करने का भी आरोप लगाया।
बेजोस अंग्रेजी अखाबर द वाशिंगटन पोस्ट के भी मालिक है और ये अखबार उस समय सऊदी अरब से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरें प्रकाशित कर रहा था। खास बात है कि तब जमाल खशोगी इसी अखबार एक कॉलमिस्ट थे, जो सऊदी विरोध के लिए खासे मशहूर थे।
अमेजन सीईओ का मोबाइल हैक होने के छह महीने बाद खशोगी की हत्या कर दी गई और इस्तांबुल में सऊदी एजेंटों की एक टीम द्वारा उनके शव को ठिकाने लगा दिया गया। वॉशिंगटन का यह पत्रकार उस वक्त एक तुर्की महिला से शादी के संबंध में जरूरी कागजात लेने के लिए सऊदी दूतावास पहुंचा था। सीआईए ने भी अपनी जांच में कहा कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इस हत्या में शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि नाम ना छापने की शर्त पर अंग्रेजी अखबार गार्जियन से बात करने वाले एक सूत्र ने बताया कि उस साल एक मई को दो लोगों की व्हाट्सएप पर सामान्य बातचीत चल रही थी, जब अनचाही फाइल भेजी गई थी। मामले में परिचित एक व्यक्ति के मुताबिक बड़ी मात्रा में बेजोस के फोन से डेटा कुछ घंटों के भीतर हटा दिया गया। हालांकि अखबार इसकी कोई जानकारी नहीं है कि फोन से क्या लिया गया था और इसका इस्तेमाल कैस किया गया।

