पाकिस्‍तानी अखबार एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून ने दावा किया है कि भारत से आए दो परिवारों ने गलत तरीके से पाकिस्‍तान की नागरिकता ले ली है। अखबार के मुताबिक नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्‍ट्रेशन अथॉरिटी (NADRA-नादरा) ने गोररखधंधे के तहत उन्‍हें नेशनल आइडेंटिटी कार्ड जारी कर दिए। आईएसआई ने इस घोटाले का पता लगाया है। आईएसआई और नादरा के विजिलेंस डायरेक्‍टरेट की रिपोर्ट के मुताबिक अफसरों ने घूस लेकर फर्जी दस्‍तावेज के आधार पर दो भारतीय परिवारों को कंप्‍यूटराइज्‍ड आईकार्ड जारी कर दिए। पाकिस्‍तान में 14 साल पहले नागरिकों को यह कार्ड जारी करने की व्‍यवस्‍था शुरू हुई है। बताया जा रहा है कि किसी भारतीय को यह कार्ड जारी करने का पहला मामला है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि खानु खान पत्‍नी और पांच बच्‍चों (एक बेटा, चार बेटियां) के साथ 27 अप्रैल, 1998 को विजिट वीजा पर पाकिस्‍तान आया और छिप कर रहा। 2004 में उन्‍होंने फर्जी नाम पर नेशनल आइडेंटिटी कार्ड हासिल कर लिया। इसका खुलासा पिछले साल हुआ।

आईएसआई ने 13 नवंबर को जारी चिट्ठी में बताया है कि एक और भारतीय कमाल खान के परिवार ने भी ऐसा ही किया है। आईएसआई के मुताबिक दस से 20 हजार रुपए लेकर अफसर कार्ड जारी कर रहे हैं। इसके खिलाफ अभियान शुरू किया जा रहा है।