पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग (HEC) ने एक अजीबोगरीब फैसला लेते हुए Universities में होली समारोह आयोजित करने पर बैन लगा दिया था। लेकिन सोशल मीडिया पर भारी विरोध के बाद सरकार ने आदेश को वापस ले लिया। फिलहाल वहां के विश्वविद्यालयों में होली मनाने पर रोक नहीं है। उच्च शिक्षा आयोग ने अपने नए आदेश में स्पष्ट किया है कि वो होली मनाने पर रोक नहीं लगाने जा रहे हैं।

उच्च शिक्षा आयोग (एचईसी) की कार्यकारी निदेशक शाइस्ता सोहेल ने होली समारोह पर रोक लगाने का फैसला तब लिया जब इस्लामाबाद में कायद-ए-आजम विश्वविद्यालय के छात्रों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। विवि में 12 जून को छात्र होली मनाते दिख रहे थे। इसके बाद होली उत्सव मनाने को लेकर आपत्ति जताते हुए एक पत्र जारी किया था। विवि की मेहरान स्टूडेंट काउंसिल ने ये समारोह आयोजित किया था।

सोशल मीडिया पर बोले लोग- आयोग शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाए

हालांकि पत्र जारी होने के बाद सोशल मीडिया पर इसकी बहुत आलोचना हुई। कई लोगों ने एचईसी के शैक्षणिक प्रदर्शन के बारे में सवाल उठाया और उन्हें लोगों की नैतिकता पर ध्यान देने के बजाय शिक्षा स्तर में सुधार करने की नसीहत दी। लोगों की आवाज सरकार तक भी पहुंची तो शाहबाज शरीफ के दफ्तर ने इसमें दखल दिया। प्रधानमंत्री दफ्तर के फरमान के बाद शिक्षा मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने एचईसी को विवादास्पद पत्र वापस लेने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री दफ्तर के दखल के बाद उच्च शिक्षा आयोग के पास अपने आदेश को वापस लेने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा।

उसके बाद एचईसी ने 22 जून को नया आदेश जारी किया। इसमें कहा गया कि देश में मनाए जाने वाले सभी धर्मों, आस्थाओं और विश्वासों और उनसे जुड़े त्योहारों और समारोहों का वो बहुत सम्मान करता है।

एचईसी ने पत्र में स्वीकार किया कि उनके आदेश की गलत व्याख्या की गई और इस वजह से अधिसूचना वापस ली जा रही है। उधर शिक्षा मंत्री ने संसद को सूचित किया कि एचईसी ने अपना पत्र वापस ले लिया है, जिसमें होली मनाने पर प्रतिबंध लगाया गया था।