इक्वेडोर में एक अनोखी घटना सामने आई है। 76 साल की एक महिला को सरकारी अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया था। सगे संबंधी उसे दफनाने के लिए ले जाने लगे तो ताबूत के भीतर से खटखटाने की आवाज आई। पहले तो लोग डरे लेकिन फिर ताबूत खोलकर सच जानने की कोशिश की। जैसे ही ताबूत खोला तो लोगों के होश फाख्ता हो गए। जिसे अस्पताल ने मरा हुआ माना था वो महिला हकीकत में जिंदा थी।
अस्पताल की लापरवाही का ये मामला सरकार तक भी जा पहुंचा। सरकार ने मामले की संजीदगी और आला दर्जे की लापरवाही को देखते हुए अस्पताल के खिलाफ जांच का आदेश दे दिया है। हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि जांच के लिए एक तकनीकी समिति बनाई गई है। वो देखेगी कि किन डॉक्टरों ने महिला का इलाज किया था और फिर किसने उनका डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया। मिनिस्ट्री का कहना है कि ये गंभीर चूक है।
दिल से जुड़ी बीमारी थी 76 साल की महिला मोनटोया को
मामले के मुताबिक महिला मोनटोया को दिल से जुड़ी बीमारी थी। उनको दिल का दौरा पड़ा तो तुरंत अस्पताल ले जाया गया। वो उस दौरान बेसुध हालत में थी। मौके पर मौजूद डॉक्टर ने उनका चेकअप किया और उनको सामान्य अवस्था में लाने की कोशिश की। लेकिन महिला के शरीर ने कोई रिस्पांड नहीं किया। डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया। उसके बाद उसने उनका डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया।
फनरल होम में पता चला कि महिला की मौत नहीं हुई
महिला के बेटे ने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए उनको फनरल होम ले जाया गया। सभी लोग उनको दफनाने की तैयारी कर रही थे कि अचानक ताबूत के भीतर से अजीबोगरीब आवाजें आनी शुरू हो गईं। ताबूत खोलकर देखा गया तो चादर में लिपटी मोनटोया तेज सांस ले रही थीं। तुरंत उनको ताबूत से बाहर निकालकर एक नर्स को बुलाया गया। फिलहाल महिला अस्पताल में उपचाराधीन है। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। अभी तक उस चिकित्सक का पता नहीं चला है जिसने अस्पताल में महिला का उपचार किया था। सरकार का कहना है कि जांच के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक होगी।