थाईलैंड और कंबोडिया के सैनिकों ने गुरुवार को सीमा पर एक-दूसरे पर गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हो गयी। मृतकों में ज्यादातर आम नागरिक हैं। दोनों पक्षों ने छोटे हथियारों से गोलीबारी की और तोप से गोले दागे और रॉकेट से हमले किये। थाईलैंड ने भी हवाई हमले किए। सुबह झड़पें शुरू होने पर एक वीडियो में थाईलैंड के ग्रामीणों को अपने घरों से भागते हुए देखा जा सकता है।

थाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सुरसंत कोंगसिरी ने बताया कि सीमा पर कम से कम छह इलाकों में झड़पें जारी हैं। ये झड़पें बुधवार को सीमा पर एक बारुदी सुरंग में विस्फोट के बाद शुरू हुईं, जिसमें थाईलैंड के पांच सैनिक घायल हो गए और बैंकॉक ने कंबोडिया में अपने राजदूत को वापस बुला लिया और कंबोडिया के राजदूत को निष्कासित कर दिया। थाईलैंड ने भी अपने नागरिकों से कंबोडिया छोड़ने का अनुरोध करते हुए सभी भूमि सीमा चौकियों को सील कर दिया है। दक्षिण-पूर्व एशियाई पड़ोसियों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है, जो समय-समय पर उनकी 800 किलोमीटर की सीमा पर भड़क उठता है। आइए जानते हैं आखिर क्यों चल रहा है दोनों देशों के बीच तनाव।

थाईलैंड और कंबोडिया आपस में क्यों भिड़ रहे हैं?

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है। यह एक सदी से भी ज़्यादा पुराना है जब कंबोडिया पर फ़्रांसीसी औपनिवेशिक कब्ज़े के दौरान दोनों देशों के बीच सीमाएं पहली बार खींची गई थीं। 2008 में जब कंबोडिया ने विवादित सीमा क्षेत्र में स्थित 11वीं सदी के एक मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में रजिस्टर करने की मांग की तो दोनों देशों के बीच दुश्मनी और बढ़ गई।

इस कदम के बाद थाईलैंड में भयंकर विरोध प्रदर्शन हुए और सशस्त्र संघर्षों की एक श्रृंखला शुरू हो गई, जिसमें सबसे घातक संघर्ष 2011 में हुआ, जब हफ़्ते भर चली लड़ाई में 15 लोग मारे गए और हज़ारों लोग विस्थापित हुए। तब से, समय-समय पर छिटपुट झड़पें होती रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप सैनिकों और नागरिकों दोनों की जानें गईं।

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दोनों देशों ने एक-दूसरे पर कड़े प्रतिबंध लगाए

मई में सीमा पर हुई झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत के बाद तनाव की यह मौजूदा लहर शुरू हुई। उस घटना ने संबंधों को एक दशक से भी ज़्यादा समय के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया। बुधवार को एक थाई सैनिक के बारूदी सुरंग में घायल होने से तनाव और बढ़ गया। तब से थाईलैंड ने राजनयिक संबंधों को कमज़ोर कर दिया है, कंबोडिया के राजदूत को निष्कासित कर दिया है और अपने राजदूत को वापस बुला लिया है।

इसके बाद के हफ्तों में, दोनों देशों ने एक-दूसरे पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं – कंबोडिया ने फलों, सब्जियों, बिजली और इंटरनेट सेवाओं सहित थाई आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि दोनों पक्षों ने विवादित सीमा क्षेत्रों में अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है। वहीं, दूसरी ओर थाईलैंड और कंबोडिया ने गुरुवार को अपनी विवादित सीमा पर हुई घातक गोलीबारी के बारे में विरोधाभासी बयान दिए हैं।

थाईलैंड ने क्या कहा?

थाईलैंड की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के अनुसार (जैसा कि बीबीसी ने बताय), यह घटना स्थानीय समयानुसार सुबह 7:30 बजे (00:30 GMT) के ठीक बाद शुरू हुई, जब कंबोडियाई बलों ने कथित तौर पर सीमा के पास थाई सैनिकों की स्थिति पर नज़र रखने के लिए ड्रोन तैनात किए। थाई अधिकारियों का दावा है कि इसके तुरंत बाद, रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड से लैस कंबोडियाई सैनिक उस क्षेत्र में इकट्ठा हो गए। थाई सैनिकों ने सीमा पार चिल्लाकर बातचीत करने की कोशिश की लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। सुबह 8:20 बजे तक, कंबोडियाई बलों ने कथित तौर पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद थाई सेना ने जवाबी हमला किया, जिसके बाद बैंकॉक ने कंबोडियाई ठिकानों पर हमला करने के लिए F-16 तैनात किए और सुरिन प्रांत में लोगों को खाली कराने का आदेश दिया।

एनएससी ने कंबोडिया पर बीएम-21 रॉकेट लॉन्चर और तोपखाने सहित भारी हथियारों का इस्तेमाल करके स्थिति को और बिगाड़ने का आरोप लगाया। थाईलैंड ने कहा कि इन हमलों से चार थाई प्रांतों में नागरिक बुनियादी ढाँचे को नुकसान पहुँचा है।

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कंबोडिया ने क्या कहा?

कंबोडिया हालांकि, एक अलग कहानी कहता है। नोम पेन्ह के अधिकारियों का दावा है कि झड़प एक घंटे पहले, लगभग 6:30 बजे शुरू हुई, जब थाई सैनिकों ने सीमा के पास एक प्राचीन खमेर-हिंदू मंदिर, प्रसात ता मुएन थॉम के पास आगे बढ़कर और उसके आधार के चारों ओर कंटीले तार लगाकर कथित तौर पर पूर्व समझौते का उल्लंघन किया। कंबोडियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के पास इस सशस्त्र आक्रमण के खिलाफ सशस्त्र बल से जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने थाई सैनिकों पर मंदिर पर पहले गोलीबारी करने का आरोप लगाया।

कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता के अनुसार, थाई सेना ने सुबह 7:00 बजे के ठीक बाद एक ड्रोन लॉन्च किया और लगभग 8:30 बजे हवा में चेतावनी स्वरूप गोलियां दागीं। उन्होंने बताया कि सुबह 8:46 बजे थाई सैनिकों ने कंबोडियाई सैनिकों पर पूर्व-निर्धारित गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे उन्हें आत्मरक्षा में जवाबी गोलीबारी करनी पड़ी। पढ़ें- थाईलैंड ने F-16 विमान से कंबोडिया पर किया अटैक