अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा समाजसेवी संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) पाकिस्तान में छद्म नाम से बैंक खाते खुलवाकर चंदा जुटा रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की खोज में पता चला है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा एफआईएफ को प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद संगठन पाकिस्तान में सक्रिय है। यूएनएससी के नियमों के अनुसार संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को प्रतिबंधित संगठनों की संपत्ति को जब्त कर लेना होता है।

एफआईएफ के फेसबुक पेज से पता चलता है कि इसकी कराची स्थित इकाई से चंदा देने वालों ने सीरिया में की जा रही समाजसेवा की सूचना मांगी है। संस्था को चंदा देने वालों से मैसेज करके बलूचिस्तान वाटर प्रोजेक्ट के लिए भी नकद चंदा मांगा गया है। एफआईएफ ने दुबई के एक बैंक की कराची स्थिति शाखा के खाते में पैसे डालने के लिए कहा।

साल 2015 में ही एफआईएफ के बैंक खातों को बंद करने के आदेश और दुनिया के कई देशों की खुफिया एजेंसियों की निगरानी में होने के बावजूद ये आतंकी संगठन इन बैंक खातों के जरिए पैसे इकट्ठा करके आंतकी संगठनों को मिल रही आर्थिक मदद रुकवाने की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों को धता बता रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस ने जब ईमेल से बैंक से इन खातों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा तो बैंक ने कोई जवाब नहीं दिया। इंडियन एक्सप्रेस ने बैंक से पूछा था कि क्या उसे पता है कि ये खाते एफआईएफ के हैं? और क्या बैंक के पास ऐसी कोई व्यवस्था है जिससे आतंकवादियों द्वारा बैंकिंग सुविधा के दुरुपयोग को रोका जा सके?

पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा, एफआईएफ और संगठन के राजनीतिक समूह जमात-उद-दावा के प्रमुख आतंकवादी हाफिज सईद को हिरासत में लिया था। पाकिस्तान सरकार ने घोषणा की थी कि एफआईएफ और जमात-उद-दावा की निगरानी की जा रही है। साल 2015 के “यूएनएससी के प्रस्ताव 1267” के तहत पाकिस्तान को आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करनी थी। पाकिस्तान सरकार को इस बाबत संयुक्त राष्ट्र में एक रिपोर्ट जमा करने थी जिसके पहले उसने हाफिज सईद को हिरासत में लिया।

एक वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार ने बताया, “जमात-उद-दावा अपने समाजसेवी कार्यों से लोगों में सम्मान हासिल करता है। एफआईएफ अब नए लोगों को भर्ती करने का उसके प्रमुख माध्यम है।” हाफिज सईद और उसके आतंकी संगठन कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम करते रहे हैं। हाफिज सईद को साल 2008 में हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है।