अफगानिस्तान पर हुकूमत कर रहे तालिबान ने अपने आत्मघाती हमलावरों के परिवारों को आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। जिन आत्मघाती हमलावरों ने अमेरिका समेत कई देशों के अफगानिस्तान में मौजूद सैनिकों को निशाना बनाया था, उनके परिवारों को तालिबान अब इनाम देगा।
अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आत्मघाती हमलावरों के परिवारों को नकद राशि दी गई है और जमीन देने का वादा किया है। तालिबान के शीर्ष नेताओं में से एक और कार्यवाहक गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने काबुल के इंटरकांटिनेंटल होटल में एक समारोह में आत्मघाती हमलावरों के परिवारों से मुलाकात की। इसके बारे में खुद वहां के आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर जानकारी दी है।
इस मुलाकात के दौरान मंत्री ने अपने हमलावरों की जमकर प्रशंसा की। आत्मघाती हमलों में मारे गए लड़ाकों की तारीफ में सिराजुद्दीन ने उन्हें शहीद और फियादीन बताते हुए, इस्लाम और देश का हीरे बताया। प्रवक्ता कारी सईद खोस्ती ने कहा कि आत्मघाती हमलावरों के परिवारों को कपड़े, 10,000 अफगानी रुपया (111 डॉलर) दिए गए, साथ ही जमीन देने का भी वादा किया गया है। इस मुलाकात की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की गई है। हालांकि शेयर की गई इन तस्वीरों में सिराजुद्दीन के फोटो को ब्लर कर दिया गया है।
3/3- H.E Haqqani added: "Now you & I must refrain from betraying the aspirations of our martyrs."
At the end of the meeting, he distributed 10,000 AFN & clothes to the families of the martyred Fidayeen & promised a plot for each (martyr's) family. pic.twitter.com/CBEaW4SACp
— Qari Saeed Khosty (@SaeedKhosty) October 19, 2021
सिराजुद्दीन हक्कानी, अभी हक्कानी समूह का प्रमुख है। इससे पहले उसके पिता जलालुद्दीन हक्कानी इस संगठन के प्रमुख थे, जलालुद्दीन ने ही इस संगठन की स्थापना की थी। हक्कानी नेटवर्क पर कई आत्मघाती हमले करने के आरोप हैं। तालिबान से जुड़ा यह संगठन अपने कई सुसाइड अटैक के जरिए, पश्चिमी सेना के दर्जनों जवानों को मार चुका है।
सिराजुद्दीन हक्कानी भले ही अफगानिस्तान सरकार में अभी मंत्री बन गया हो, लेकिन आज भी वो अमेरिका के मोस्ट वांटेड आंतकवादियों की सूची में शामिल है। 2008 में काबुल में एक होटल पर हुए हमले के लिए इसे ही दोषी ठहराया गया था। एफबीआई ने इसपर 10 मिलियन का इनाम रखा हुआ है।
बता दें कि तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा किए हुए दो महीने हो चुके हैं, लेकिन इसे अभी तक किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है। पाकिस्तान, इस सरकार को मान्यता दिलाने के लिए लगातार कोशिशों में लगा है, लेकिन अभी तक उसे सफलता मिली नहीं है। तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में भूखमरी के हालात उत्पन्न हो गए हैं। दूसरी ओर आईएसआईएस ने भी तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और लगातार सुसाइड हमलावरों के जरिए वो बम बिस्फोट कर रहा है। जिसमें कई अफगान नागरिकों की मौत हो चुकी है।