तालिबान ने मंगलवार को पूरे अफगानिस्तान में ‘आम माफी’ की घोषणा की और महिलाओं से उसकी सरकार में शामिल होने का आह्वान किया। ऐसा करके तालिबान ने लोगों की उन आशंकाओं को दूर करने की कोशिश है, जिसमें एक दिन पहले उसके शासन से बचने के लिए काबुल छोड़कर भागने की कोशिश करते दिखे थे। हवाई अड्डे पर अफरा तफरी का माहौल पैदा होने के बाद कई लोग मारे गए थे।

अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाला और कई शहरों को बिना लड़ाई जीतने वाला तालिबान वर्ष 1990 के क्रूर शासन के उलट खुद को अधिक उदार दिखाने की कोशिश कर रहा है। काबुल में उत्पीड़न या लड़ाई की बड़ी घटना अब तक दर्ज नहीं की गई है। तालिबान गश्त कर रहा है। तालिबान द्वारा जेलों पर कब्जा कर कैदियों को छुड़ाने एवं हथियारों को लूटने की घटना के बाद कई शहरी घरों में मौजूद हैं, लेकिन भयभीत हैं।

जर्मनी ने इस बीच अफगानिस्तान के विकास के लिए दी जाने वाली मदद तालिबान के कब्जे के बाद रोक दी है। इस तरह की मदद अफगानिस्तान के लिए अहम है। माना जा रहा है कि तालिबान द्वारा अपनी नरम छवि पेश करने की एक वजह धन की निरंतर प्राप्ति सुनिश्चित करने का प्रयास हो सकती है। तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समानगनी ने आम माफी का वादा किया है।

हालांकि, अब भी तालिबान पदच्युत की गई सरकार के नेताओं से बातचीत कर रहा है और अबतक सत्ता हस्तांतरण के किसी औपचारिक समझौते की घोषणा नहीं की गई है। समानगनी ने कहा- इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान ने पूरे सम्मान और ईमानदारी से पूरे अफगानिस्तान के लिए आम माफी की घोषणा की है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो विपक्ष में हैं या जिन्होंने वर्षों तक और हाल तक कब्जा करने वालों यानि अमेरिका का साथ दिया था। समानगनी ने 40 साल से अधिक समय से चल रहे अफगानिस्तान संकट में महिलाओं को पीड़ित करार दिया।

समानगनी ने कहा- इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान महिलाओं को इस्लामी कानून और हमारे मूल्यों के तहत काम करने और पढ़ने का माहौल देने और सरकार में उपस्थिति को तैयार है। यह बयान तालिबान की पिछली सरकार की नीति से हटने का संकेत माना जा रहा है जिसमें महिलाओं को घरों में सीमित कर दिया गया था।

समानगनी ने हालांकि, यह नहीं बताया कि उनके लिए शरिया या इस्लामी कानून का क्या मतलब है। उन्होंने कहा कि सभी ओर के लोग सरकार में शामिल होंगे। तालिबान ने अपनी नयी छवि पेश करने की कोशिश की जिसके तहत निजी टीवी चैनल टोलो की महिला प्रोस्तोता ने तालिबान अधिकारी का मंगलवार को कैमरे के सामने साक्षात्कार लिया, जिसकी पहले कल्पना तक नहीं की जा सकती थी।

वहीं , हिजाब पहनी महिलाओं ने काबुल में संक्षिप्त प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके हाथों में तख्तियां थी। उनमें मांग की गई थी कि तालिबान महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से खत्म नहीं करे।

तालिबानी नेताओं ने कहा कि वे उन लोगों से बदला नहीं लेना चाहते हैं जो पूर्ववर्ती सरकार या विदेशों में कार्यरत थे। हालांकि, काबुल में कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि तालिबान लड़ाकों ने उन लोगों की सूची बनाई है जो सरकार का सहयोग कर रहे थे और चाहते हैं कि वे सामने आएं।