सूडान के अल फशर (El Fasher) शहर में एक अस्पताल पर हुए भीषण हमले में 70 लोगों की जान चली गई, जबकि 19 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने इस दर्दनाक घटना की जानकारी देते हुए कहा कि यह हमला सऊदी टीचिंग मैटरनल अस्पताल पर हुआ। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए इस घटना के बारे में बताया।

हमले के समय अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों की भारी भीड़ थी

हमले के समय अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों की भारी भीड़ थी। कई घायल लोगों का इलाज पास के अन्य अस्पतालों में किया जा रहा है, लेकिन चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण इलाज में कठिनाई हो रही है। अस्पताल में महिलाओं और बच्चों की संख्या भी काफी ज्यादा थी, जिससे यह हमला और भी गंभीर बन गया।

स्थानीय अधिकारियों ने इस हमले के लिए विद्रोही संगठन ‘रैपिड सपोर्ट फोर्स’ (RSF) को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, आरएसएफ ने इन आरोपों को खारिज करते हुए हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है। माना जा रहा है कि हाल ही में सूडानी सेना और आरएसएफ के बीच बढ़ते संघर्ष ने इस हमले को जन्म दिया। सेना प्रमुख जनरल अब्देल-फतह बुरहान के नेतृत्व में सूडानी सेना ने कई इलाकों में आरएसएफ को पीछे हटने पर मजबूर किया था।

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सूडान में जारी गृहयुद्ध के चलते मानवीय संकट लगातार गहराता जा रहा है। अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय शक्तियां इस संकट को रोकने के लिए कई कोशिशें कर रही हैं। अमेरिका ने आरएसएफ पर नरसंहार के आरोप लगाए हैं और इस समूह पर कड़े प्रतिबंध लगाने की बात कही है। बावजूद इसके, हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने यह भी बताया कि सूडान में स्थिति की सटीक जानकारी जुटाना बेहद मुश्किल है। संचार व्यवस्था बाधित होने के कारण रिपोर्टिंग और जानकारी प्राप्त करना कठिन हो गया है। दोनों ही पक्षों – आरएसएफ और सूडानी सेना – के बीच चल रहे संघर्ष ने इस चुनौती को और बढ़ा दिया है।

अल फशर में हुआ यह हमला सूडान में बढ़ते हिंसक संघर्ष का ताजा उदाहरण है। देश में स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से ही बेहद कमजोर हैं, और इस तरह के हमले इन्हें और नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंता में डाल दिया है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने सूडान में जारी इस हिंसा को रोकने और मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए तुरंत कदम उठाने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य संस्थाएं दोनों पक्षों से अपील कर रही हैं कि वे संघर्षविराम पर सहमत हों और निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।