मिस्र की स्वेज नहर में पांचवें दिन भी विशालकाय जहाज फंसा हुआ है। अधिकारियों ने जहाज को निकालने तथा जलमार्ग को जाम से मुक्त करने की फिर से कोशिश की, लेकिन कामयाबी हाथ नहीं लगी। इस जहाज के फंसने से वैश्विक परिवहन तथा व्यापार के लिए अहम स्वेज नहर में यातायात बाधित हो गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की अर्थव्यस्था का करीब 12 फीसदी व्यापार इसी नहर से होता है। साथ ही इसी नहर के सहारे पश्चिमी एशियाई देशों से तेल यूरोप और अन्य देशों में पहुँचाया जाता है। हालांकि अमेरिका ने स्वेज नहर में जहाज फंसने से आए संकट में मदद करने का ऐलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा है कि हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। हमारे पास कई ऐसे आधुनिक उपकरण हैं जो अन्य देशों के पास नहीं हैं।

इस बीच स्वेज नहर प्राधिकरण के प्रमुख ने कहा कि जहाज ‘एवर गिवन’ के मंगलवार को नहर में फंसने की ‘‘एकमात्र वजह तेज हवा नहीं है।’’ लेफ्टिनेंट जनरल ओसामा राबेई ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि जांच चल रही है लेकिन उन्होंने मानवीय या तकनीकी खामी की आशंका से इनकार नहीं किया। 

एशिया और यूरोप के बीच माल लेकर जाने वाला, पनामा के ध्वज वाला जहाज मंगलवार को इस नहर में फंस गया था। राबेई ने कहा कि वह यह नहीं बता सकते कि जहाज को कब तक निकाल लिया जाएगा। एक पुर्तगाली कंपनी समुद्र में ऊंची उठने वाली लहरों और नौकाओं की मदद से जहाज को निकालने की कोशिश कर रही है।

राबेई ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नहर के तल पर जमे कीचड़ को साफ करने से जहाज को बिना उसका माल हटाए निकाला जा सकेगा, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि ‘‘हम मुश्किल स्थिति में है, यह बुरी घटना है’’।  यह पूछे जाने पर कि कब तक जहाज को निकाला जा सकेगा, उन्होंने कहा, ‘‘मैं बता नहीं सकता क्योंकि मुझे नहीं पता।’’ जहाज के मालिकाना हक वाली कंपनी शोइ किसेन ने कहा कि अगर जहाज को बाहर निकालने के प्रयास विफल हो जाते हैं तो वह उसके कंटेनरों को हटाने पर विचार करेगी।