श्रीलंका में चीन के निवेशों को लेकर विवाद के बीच संबंधों को बेहतर करने की कोशिश करते हुए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे इस हफ्ते चीन की एक अहम यात्रा पर जाएंगे। इन विवादों में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के शासन के दौरान 1. 5 अरब डॉलर की बंदरगाह शहर परियोजना पर बनी सहमति भी शामिल है। विक्रमसिंघे तीन दिनों की आधिकारिक यात्रा पर बुधवार को चीन के लिए रवाना होंगे। पिछले साल अगस्त में पदभार संभालने के बाद उनकी चीन की यह प्रथम यात्रा है। वह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और अपने चीनी समकक्ष ली क्विंग से भी मिलेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि इस यात्रा के जरिए चीन से आर्थिक मदद का मार्ग प्रशस्त होगा। पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के शासन के दौरान चीन-श्रीलंका संबंध अपने उफान पर था जब बीजिंग ने वहां कई सारी परियोजनाओं के लिए सात अरब डॉलर वादा किया जिनमें हंबनटोटा पोर्ट और कोलंबो पोर्ट सिटी परियोजना भी शामिल है। लेकिन पिछले साल जनवरी में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के सत्ता में आने के बाद संबंध ठंडे पड़े गए। बंदरगाह शहर परियोजना को मंजूरी तब मिली जब सिरीसेना ने पिछले साल चीन की यात्रा की। चीन से पहले उन्होंने भारत की यात्रा की थी।