अपनी तरह के एक अनूठे मामले में दक्षिण कोरिया ने अपने पड़ोसी उत्तर कोरिया पर केस दायर किया है। दक्षिण कोरिया ने किम जोंग उन के देश से 3.5 करोड़ डॉलर का हर्जाना भी मांगा है। 2020 में उत्तर कोरिया ने अपने सीमावर्ती शहर केसोंग में दक्षिण कोरिया के कार्यालय को ध्वस्त करने के लिए विस्फोटकों का इस्तेमाल किया था। घटना के बाद दोनों देशों के बीच का तनाव चरम पर पहुंच गया था।

सियोल केंद्रीय जिला अदालत में दायर किया गया सांकेतिक वाद

न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक दक्षिण कोरिया ने 2020 में अपनी सीमा के ठीक उत्तर में एक संयुक्त संपर्क कार्यालय उड़ाने के सिलसिले में उत्तर कोरिया के खिलाफ क्षतिपूर्ति वाद दायर किया है। इससे साफ है कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु वार्ता अटकने के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है। उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार व मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच सियोल केंद्रीय जिला अदालत में यह सांकेतिक वाद दायर किया गया है।

सियोल यूनीफिकेशन मिनिस्ट्री के प्रवक्ता कू बयूंगसैम ने इमारत को उड़ाये जाने की घटना को गैरकानूनी और हिंसक कृत्य करार दिया। उनका कहना है कि घटना से दोनों देशों के बीच पूर्ववर्ती समझौतों का उल्लंघन हुआ है। कू ने कहा कि उत्तर कोरिया की सरकार के खिलाफ दक्षिण कोरिया की सरकार की तरफ से अब तक दायर किया गया यह पहला केस है। मुआवजा हासिल करने के लिए ये केस दायर किया गया है। हालांकि मामले से जुड़े लोग मानते हैं कि इसका उत्तर कोरिया की सेहत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ने जा रहा है, क्योंकि किम जोंग उन का देश किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून को मानने से इनकार करता है। अमेरिका जैसे देश की भी वो परवाह नहीं करता है।

ध्यान रहे कि फिलहाल उत्तर कोरिया मिसाइल प्रक्षेपण के मिशन में जुटा है। इसकी वजह से उसकी जद में आने वाले देशों दक्षिण कोरिया और जापान में हाई अलर्ट भी जारी किया जा चुका है। किम जोंग उन की गतिविधियों को दोनों ही देश अपने लिए ठीक नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि उत्तर कोरिया अंतरराष्ट्रीय नियमों को ताक पर रखकर दोनों देशों की सुरक्षा में लगातार सेंध लगा रहा है। उसका ये रवैया बिलकुल ठीक नहीं है।